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‘सभी 22 नए AIIMS में कैंसर के इलाज के लिए सुविधा केंद्रों को मंजूरी दी’, JP नड्डा ने राज्यसभा में दी जानकारी

नेशनल डेस्क: कैंसर रोगियों के इलाज के लिए सभी 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में सुविधा केंद्रों को मंजूरी दी गई है और समय रहते इस बीमारी का पता लगाने के लिए इसकी जांच पर जोर दिया जा रहा है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि देश में एक लाख 75 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं जहां कैंसर की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख कैंसर की करीब 29.32 करोड़ जांच हुई जिसमें से एक लाख 63 हजार मामलों में कैंसर का पता चला। उन्होंने कहा कि इसी तरह स्तन कैंसर के लिए 15 करोड़ 60 लाख जांच हुई और 57 हजार मामलों में स्तन कैंसर का पता चला।

 

नड्डा ने बताया कि गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए नौ करोड़ 48 हजार जांच हुई और 97 हजार मामलों में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता चला। उन्होंने कहा कि वह आंकड़े इसलिए बता रहे हैं ताकि पता चल सके कि लाखों जांच हुई हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर का पता चलने के बाद मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सभी 22 नए एम्स में कैंसर के इलाज के लिए सुविधा केंद्रों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कैंसर के इलाज की सुविधा के बारे में बताया कि 372 ‘जिला कैंसर डे केयर केंद्र’ हैं जहां कीमोथैरेपी सहित अन्य इलाज किया जाता है। वित्त मंत्री ने बजट में घोषणा की हर जिले में ऐसे केंद्र खोले जाएंगे।

हर जिले में ‘जिला कैंसर डे केयर केंद्र’ होगा
नड्डा ने कहा कि इस साल सरकार ने 200 ‘जिला कैंसर डे केयर केंद्र’ खोलने का फैसला किया है। अगले दो साल में हर जिले में ‘जिला कैंसर डे केयर केंद्र’ होगा। एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि कैंसर की जांच के साथ साथ सरकार टेलिमेडिसिन पर भी ध्यान और महत्व दे रही है। इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे मरीज की जांच कर पता कर सकें कि क्या उन्हें कैंसर है और अगर है तो किस स्टेज पर है।

उन्होंने कहा कि ‘लैन्सेट’ पत्रिका में हाल में आए एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत ने कैंसर के उपचार शुरू करने में होने वाली देरी को कम करने में प्रगति की है। उनके अनुसार, लैंसेट द्वारा प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, समय पर कैंसर उपचार शुरू करने में उल्लेखनीय सुधार हुआ है तथा नामांकित रोगियों को 30 दिनों के भीतर कैंसर उपचार तक पहुंच में 90 फीसदी की वृद्धि हुई है।

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