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रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज बोले- इस धरती पर मैं सबसे भाग्यशाली, मुझे लगता है मैं सपनों की दुनिया में हूं

Ram Mandir : प्रभु राम की नगरी अयोध्या के राम मंदिर में जिस दिव्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई उसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। मूर्तिकार अरुण योगीराज राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि मैंने कई रात जागकर मूर्ति बनाने में बारीकी से काम किया क्योंकि ऐसा करना जरुरी था।

“मुझे लगता है कि मैं अब पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं। मेरे पूर्वजों, परिवार के सदस्यों और भगवान राम लला का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहा है। कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है कि शायद मैं सपनों की दुनिया में हूं।” योगीराज ने कहा कि आज मेरे जीवन का सबसे अच्छा खास दिन है। उन्होंने कहा कि मैंने मूर्ति बनाने की कला अपने पिता से सीखी। आज मेरी मूर्ति को यहां देखकर उन्हें बहुत गर्व होता।

कई मूर्तिकारों ने प्रभु रामलला की बनाई थी मूर्ति, जिसमें…
राम मंदिर में लगने वाली मूर्ति को बनाने में तीन मूर्तिकार लगे हुए थे. कर्नाटक के अरुण योगीराज, गणेश भट्ट और जयपुर के सत्यनारायण पांडेय ने भगवान की अलग-अलग मूर्ति बनाई थी। जिसमें से अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा की गई।

बहुत ही खूबसूरत मूर्ति बनाई है योगीराज ने
प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद प्रभु रामललला की पहली तस्वीर अब सामने आई है। जिसमें रामलला की आंखों में मासूमियत, होठों पर मुस्कान और चेहरे पर गजब का तेज दिखाई दे रहा है। प्रभु रामलला की पहली झलक देखकर एक बात तो साफ है कि मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बहुत ही खूबसूरती के साथ शानदार काम किया है।

योगीराज ने पिता से सीखी कारीगरी
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने वाली मूर्ति के मूर्तिकार अरुण योगीराज को मूर्ति बनाने वाली कला विरासत में मिली है। लेकिन वह हमेशा से मूर्तिकार नहीं बनना चाहते थे, उन्होंने पहले MBA की पढ़ाई की थी। लेकिन अरुण योगीराज मूर्ति बनाने की कला से दूर नहीं रह पाए । आज कई ऐतिहासिक मूर्तियों को बनाने का काम किया है।

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