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Delhi Elections से पहले केजरीवाल का सरकारी आवास में काम करने वाले स्टाफ के लिए 7 गारंटी

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही है। इसके साथ ही आरोप- प्रत्यारोप वाला खेल भी जारी है। बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक चरण में होने है, वहीं इसका रिजल्ट 8 फरवरी को आने है। इसी बीच आज बृहस्पतिवार को दिल्ली के पूर्व.

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नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही है। इसके साथ ही आरोप- प्रत्यारोप वाला खेल भी जारी है। बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक चरण में होने है, वहीं इसका रिजल्ट 8 फरवरी को आने है। इसी बीच आज बृहस्पतिवार को दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी अफसरों, सांसदों और मंत्रियों के घरों में काम करने वाले स्टाफ की समस्याओं पर बात की। उन्होंने कहा कि इन लोगों के जीवन में कई समस्याएं हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए उनकी सरकार कुछ कदम उठाएगी। केजरीवाल ने खासतौर पर उन कर्मचारियों का जिक्र किया जो सरकारी आवासों में काम करते हैं, लेकिन उन्हें उचित वेतन नहीं मिलता और कई बार बंधुआ मजदूर की तरह काम करना पड़ता है।

सरकारी आवासों में काम करने वाले स्टाफ की समस्याएं

आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब सरकारी अधिकारियों, सांसदों या मंत्रियों को बंगला दिया जाता है, तो साथ में सर्वेंट क्वार्टर (काम करने वालों के लिए क्वार्टर) भी दिया जाता है। इनमें काम करने वाले स्टाफ को अक्सर कम या बिना तनख्वाह के काम करना पड़ता है। उन्हें यह कहा जाता है कि उन्हें मुफ्त में काम करना होगा क्योंकि उन्हें रहने के लिए क्वार्टर दिया गया है। इस तरह से वे बंधुआ मजदूर बनकर काम करने को मजबूर हो जाते हैं।

बंगले पर किराया लेने की भी बात कही

केजरीवाल ने यह भी कहा कि कई सांसद और मंत्री अपने सरकारी आवास को किराए पर चढ़ा देते हैं, जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है। ऐसा करने पर उन्हें सजा हो सकती है। इसके अलावा, जब किसी सांसद या अधिकारी का ट्रांसफर होता है, तो उनके साथ काम करने वाला स्टाफ बेघर और बेरोजगार हो जाता है। नया व्यक्ति आने तक उनका कोई स्थिर काम नहीं रहता, और यह व्यवस्था अस्थायी होती है।

अरविंद केजरीवाल द्वारा 7 गारंटियां

अरविंद केजरीवाल ने इन समस्याओं को हल करने के लिए 7 गारंटियां दी हैं, जो स्टाफ की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लागू की जाएंगी

  1. सर्वेंट होस्टल की सुविधा
    एक सर्वेंट होस्टल बनाया जाएगा, जहां यदि किसी स्टाफ को नौकरी से हटा दिया जाता है तो वे अगली नौकरी मिलने तक वहां रह सकते हैं। इससे उन्हें बेघर होने की चिंता नहीं होगी।
  2. श्रमिक कार्ड के तर्ज पर पर्सनल स्टाफ कार्ड
    पर्सनल स्टाफ कार्ड का सिस्टम लागू किया जाएगा, जो श्रमिक कार्ड की तरह होगा। इसके जरिए इन कर्मचारियों को स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी, जैसे श्रमिकों को मिलती हैं।
  3. स्वास्थ्य सुविधा – मोबाइल मोहल्ला क्लिनिक
    सरकारी कर्मचारी के रूप में काम करने वाले स्टाफ के स्वास्थ्य के लिए मोबाइल मोहल्ला क्लीनिक बनाए जाएंगे। यह क्लीनिक उनके स्वास्थ्य की देखभाल करेंगे, जिससे उन्हें इलाज में कोई परेशानी न हो।
  4. सर्वेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल
    एक सर्वेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल बनाया जाएगा, जहां सरकारी आवासों में काम करने वाले लोग अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इस पोर्टल के जरिए वे अपनी सेवाएं पेश कर सकते हैं, और नए अधिकारी, सांसद या मंत्री उन्हें काम पर रख सकते हैं।
  5. ऑटो चालक और ई-रिक्शा ड्राइवरों के लिए इंश्योरेंस
    दिल्ली सरकार ऑटो चालक, ई-रिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों के लिए इंश्योरेंस की सुविधा भी देगी। इसमें 10 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस और 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस शामिल होगा। इसके अलावा, बेटी की शादी के लिए भी मदद दी जाएगी।
  6. काम के घंटे और वेतन के लिए नियम
    इन कर्मचारियों के काम के घंटे, उनकी वर्किंग कंडीशन और वेतन के लिए विशेष नियम बनाये जाएंगे। इससे उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और वे बेहतर कार्य कर सकेंगे।
  7. ईडब्ल्यूएस मकान
    ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के तहत सस्ते मकान स्टाफ के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे कम कीमत में घर पा सकें।

केजरीवाल ने इन 7 गारंटियों के माध्यम से सरकारी आवासों में काम करने वाले स्टाफ की समस्याओं का समाधान करने का वादा किया है। उनका उद्देश्य इन कर्मचारियों के जीवन को बेहतर बनाना और उन्हें समान अधिकार देना है, ताकि वे बंधुआ मजदूरी से बच सकें और उनका जीवन खुशहाल हो सके।

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