Kisan Andolan 2.0 : किसान लीडरों की तरफ से बड़ा फ़ैसला, अगले 2 दिन के लिए दिल्ली कूच रूका

आंसू गैस से बचने के लिए ट्रालियों पर रखी पानी की टंकियां, पतंगबाजी टीमें तैयार

चंडीगढ़ : पंजाब के किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच सुलह नहीं हो पा रही है, जिसके चलते किसानों ने सरकार को 21 फरवरी सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर सरकार किसानों की सभी मांगे नहीं मानेगी, तो किसान आज बुधवार सुबह 11 बजे शंभू बार्डर पर हरियाणा पुलिस द्वारा बनाए गए बेरिकेट्स को तोड़ना शुरू करेंगे। शंभू बार्डर पर किसान गत 8 दिनों से डटे हैं, खराब मौसम और तेज हवाओं के बीच किसानों की बार्डर पर संख्या कम नहीं हो रही। क्योंकि बार्डर पर खाने में हर चीज की व्यवस्था की गई है। चाय से लेकर फ्रूट तक की सेवा दी जा रही है। मोर्चे पर सेवा संभाल रहे लोगों का कहना है कि खाने की व्यवस्था निरंतर जारी रहेगी। किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। किसानों का कहना है कि उन्होंने दिल्ली कूच के पक्के इरादे से डेरा डाल रखा हैं। उन्होंने कहा कि मांगों को मनवा कर ही घर वापस लौटेंगे। बार्डर पर किसान परिवारों से महिलाएं बच्चे व बुजुर्ग भी लगातार पहुंच अपने-अपने तरीके से योगदान दे रहे हैं। किसान कंक्रीट के बेरिकेड तोड़ने के लिए जेसीबी और हाइड्रोलिक क्रेन जैसी मशीनें लेकर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन भी लाई गई हैं। किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों पर पानी की टंकी रख ली है। सुबह 6 बजे बॉर्डर पर सभी ट्रैक्टर लाइन से खड़े कर दिए हैं। ड्रोन से निपटने के लिए पतंगबाजी वाली टीम सबसे आगे रहेगी। शंभू बार्डर पर ट्रैक्टरों की 6 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है।

बता दें, हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। इन किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

शंभू बॉर्डर से बड़ी खबर आ रही है। आपको बतादें कि किसान नेताओं ने फिलहाल अगले दो दिन के लिए दिल्ली कूच रोक दिया है। लेकिन किसानों ने बॉर्डर पर ही डटे रहने का फ़ैसला लिया है। सरवन सिंह पंढेर ने कहा अगले दो दिन शांति रहेगी और आगे की रणनीति अगले दो दिन बाद बताएंगे। 

प्रदर्शनकारियों के हमले में 12 पुलिसकर्मी घायल

-हरियाणा पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियो ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस का चारो तरफ से घेर लिया। इसके बाद पथराव के साथ लाठी, गंडासे से पुलिसकर्मियों पर हमला किया। इसमें लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल। हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियो से शांति की अपील। 

सरकारी राजिंदरा अस्पताल पटियाला के एमएस डा. एचएस रेखी ने जिला बठिंडे के 21 वर्षीय किसान शुभ करण सिंह की मौत की पुष्टि की हैं और 2 युवकों का सरकारी राजिंदरा अस्पताल पटियाला में इलाज चल रहा है।

पंजाब पुलिस ने सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने का किया अनुरोध

पंजाब पुलिस ने किसानों और केंद्र के बीच चल रही बातचीत के मद्देनजर सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने का अनुरोध किया गया है। प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण रहना चाहिए और हरियाणा बैरिकेड्स पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए और हरियाणा पुलिस से अनुरोध है कि बल प्रयोग न करें। हम आप सभी को सलाह देते हैं कि अफवाह फैलाने वालों से दूर रहें और सोशल मीडिया पर साझा करने से पहले समाचारों को सत्यापित करें।

खनौरी बॉर्डर पर सिर में गोली लगने से हुई किसान की मौत

-खनौरी बॉर्डर पर सिर में गोली लगने से किसान की मौत हुई। एक अन्य युवक के भी गंभीर रूप से घायल होने की खबर हैं और 50 से अधिक युवक घायल हुए। घायल युवकों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है और उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

खनौरी बोर्डर पर किसान की मौत के मसले को पहले करेंगे वेरीफाई : जगजीत सिंह डल्लेवाल

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दैनिक सवेरा पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि हमारी पुलिस अधिकारियों के साथ केंद्र के मीटिंग के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी। इसी बीच खबर आई कि खनौरी बोर्डर पर किसान की मौत हो गई हैं, जिसके चलते हमने मीटिंग बीच में भी छोड़ दी है, क्योंकि किसान की मौत हमारे लिए बड़ा मसला है। हम पहले किसान की मौत के मसले को वेरिफाई करेंगे। उसके बाद रणनीति बनाई जाएंगी कि क्या इन हालातों में केंद्र के साथ बैठक करनी भी है या नही।

किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार की चिट्ठी का पंजाब सरकार ने दिया जवाब

पंजाब सरकार ने ग्रह मंत्रालय को जवाब दिया हैं। चीफ सेक्रेटरी द्वारा चिट्ठी लिखकर जवाब भेजा गया।

-पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा 20 तारीख को दिए गए ऑर्डर, अभी तक नहीं मिले और ना ही वेबसाइट पर अपलोड किए गए।

-यह कहना पूरी तरह गलत की पंजाब सरकार शंभू और धाबी- गुर्जन बॉर्डर पर लोगों को इकट्ठा होने दे रही हैं।

-किसान आंदोलन करने दिल्ली जा रहे थे, मूवमेंट पर रिस्ट्रिक्शन होने के कारण किसान पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर हैं।

-अब तक हरियाणा पुलिस के द्वारा चलाएं आंसू गैस शेल्स, रबर बुलेट्स, फिजिकल फोर्स और ड्रोन से 160 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। उसके बाद भी पंजाब सरकार ने जिम्मेदारी के साथ लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन को बनाकर रखा हुआ हैं।

-पंजाब सरकार ने नेगोशिएशन भी अहम भूमिका निभाई, 4 मीटिंग में से तीन मीटिंग के अंदर खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान बैठे।

-जिस मीटिंग में मुख्यमंत्री खुद नहीं बैठ पाए, उन्होंने कैबिनेट मंत्री के साथ हाई रैंक ऑफिशल्स को यूनियन मिनिस्टर के साथ भेजा।

-किसानों के प्रति और ज्यादा सहानुभूति दिखाने की जरूरत हैं।

-बॉर्डर स्टेट होने के कारण लॉ एंड आर्डर को प्रोटेस्ट में और ज्यादा सेंसिटिव तरीके से संभाला जाए।

-पंजाब पुलिस की तरफ से डीआईजी रैंक, आईपीएस और पीपीएस ऑफिसर सहित 2000 पुलिसकर्मी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम कर रहा हैं।

-हालात पर लगातार नजर बनाए रखी हुई है, जरूरत पड़ने पर हम कदम भी उठाए जाएंगे।

आपस में मीटिंग कर रहे किसान नेता

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के बयान आने के बाद किसान नेताओं ने आपस में मीटिंग करनी शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग के खत्म होने तक किसान आगे नहीं बढ़ेंगे। वहीं, दूसरी तरफ शंभू बॉर्डर पर पुलिस और सुरक्षाबलों ने सख्ती भी बढ़ा दी है।

सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आ रही हैं, कि पंजाब सरकार ने इमरजेंसी सुविधाओं के लिए की तैयारी, बॉर्डर पर SSF की गाड़ियां तैनात की गई। भारी संख्या में एंबुलेंस पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर तैनात कर दिए गए हैं। किसानाें की सुविधा के लिए पानी के टैंकर और टॉयलेट का इंतजाम किया गया हैं। बॉर्डर के पास सभी अस्पतालों में सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया हैं।

हरियाणा पुलिस ने किसानों के शंभू बॉर्डर पर अवरोधकों की ओर बढ़ने के बाद आंसू गैस के गोले छोड़े

हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों ने कुछ युवा किसानों द्वारा बुधवार को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर कई चरणों वाले अवरोधकों की ओर बढ़ने के बाद आंसू गैस के गोले छोड़े। हरियाणा पुलिस ने सुबह करीब 11 बजे आंसू गैस के गोले छोड़े जिसके बाद युवा किसान बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखे।

सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की MSP की माँग, Crop Diversification, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है। मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूँ। हमें शांति बनाये रखना जरूरी है।

किसानों की ये हैं मुख्य मांगें

हरियाणा पुलिस किसानों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए भारी मशीनरी जैसे जेसीबी, पोकलेन आदि का प्रयोग न करने की घोषणा का स्वागत करती है। हरियाणा पुलिस की अपील- ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग ना करें प्रदर्शनकारी। कानून व्यवस्था बनाए रखने में करें सहयोग।

किसानों के दिल्ली कूच से पहले केंद्र सरकार कर सकती है अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस, जिसमें बड़ा फैसला लिया जा सकता हैं।

दिल्ली की ओर शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे : किसान नेता डल्लेवाल

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने युवाओं से नियंत्रण न खोने की अपील करते हुए कहा, कि ’हमारा इरादा कोई अराजकता पैदा करने का नहीं है… हमने 7 नवंबर से दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम बनाया है। पर्याप्त समय था। इसका मतलब है कि सरकार हमारी उपेक्षा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, कि ‘यह सही नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं। सरकार को बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने देना चाहिए। नहीं तो उन्हें हमारी मांगें पूरी करनी चाहिए। हम शांतिपूर्ण हैं।‘किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि जो सरकार ने प्रस्ताव दिया, उसका अगर नाप- तोल किया जाए तो उसमें कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि ये प्रोपोजल किसानों के पक्ष में नहीं हैं। हरियाणा-पंजाब के किसानों का पेंच धान की एमएसपी पर फंसा है। किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि वह दिल्ली की ओर शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे।

हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए एमएसपी गारंटी पर कानून की करें घोषणा : सरवन सिंह पंढेर

‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च से ठीक पहले किसान नेता पंढेर ने कहा, कि ‘हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए एमएसपी गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें।‘ उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्वक अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च जारी रखेंगे और ‘(यदि कोई हिंसा होती है तो) सरकार जिम्मेदार होगी‘। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि आज केंद्र सरकार किसानों के साथ खून की होली खेलेगी। केंद्र को हमारी मांगें मान लेनी चाहिए। सरकार को बैरिकेड हटाकर लोगों को दिल्ली जाने की इजाजत देनी चाहिए। उन्होंने किसानों से अपील की कि उत्साह के साथ सावधानी बरतने की भी जरूरत है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार इस तरह के गैर-जरूरी प्रस्ताव सामने रखकर किसानों के आंदोलन को धीमा करना चाहती है लेकिन हम इन चालों को समझते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र लंबित मांगों को मानने की बजाय किसानों को सिर्फ आश्वासन दे रही है या वादे कर रही है।

पंजाब के डीजीपी ने जारी किया सख्त आदेश, जेसीबी, पोकलेन शंभू को बॉर्डर पर ले जाने पर लगाई रोक

हरियाणा डीजीपी की पंजाब डीजीपी को लिखी चिट्ठी के बाद पंजाब के डीजीपी ने पंजाब के सीनियर पुलिस अफसर को चिट्ठी लिखी हैं, जिसमें उन्हाेंने सख्त आदेश दिए हैं कि किसी भी तरह से जेसीबी पोकलेन समेत तमाम तरह की मशीनरी शंभू बॉर्डर और खनोरी बॉर्डर तक नहीं पहुंचनी चाहिए। उन्हें तुरंत मौके से उन मशीनों को हटाया जाए।

दिल्ली मार्च से पहले हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का भारी जमावड़ा

पंजाब और हरियाणा के किसानों का एक बड़ा जमावड़ा बुधवार को भी हरियाणा की सीमाओं पर जारी रहा। न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों पर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने की तैयारी में हैं। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियाें के बीच झड़प की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए, दोनों राज्यों ने अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए जेसीबी, पोकलेन, टिपर या अन्य भारी अर्थमूविंग उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर पटियाला जिले में हरियाणा पुलिस के कंक्रीट बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए लोहे की चादरों से ढके कई ट्रैक्टरों को तैनात किया था।

किसान आंदोलन पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, धरने में ट्रैक्टर-ट्राली को ले जाने का क्या मतलब

कूच के लिए शंभू बॉर्डर पर जमा किसानों के मामले को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि धरने में ट्रैक्टर-ट्राली को ले जाने का क्या मतलब है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली नहीं ले जा सकते हैं। किसानों को दिल्ली जाना है तो बस या अन्य साधनों से जाएं। पंजाब सरकार सुनिश्चित करें कि कहीं भी ऐसी भीड़ इकट्ठी न हो। साथ ही, कहा कि प्रदर्शन के अधिकार का दायरा है। अधिकारों के बारे में हर कोई जानता है लेकिन संवैधानिक कर्तव्य भी हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और न्यायमूर्ति लपीता बनर्जी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तय करते हुए केंद्र सरकार को नया एफिडेविट देने को कहा है। इस दौरान याची ने बताया कि उसने किसानों को लगी चोटों की तस्वीरें अटैच की हैं।

हर वाहन चालक परेशान

दिल्ली से अम्बाला-अमृतसर और चडीगढ़ जाने वाले हर वाहन को पिपली से लाडवा-रादौर के बाद नेशनल हाईवे-73 से पंचकूला की तरफ भेजा जा रहा है और शाहाबाद से इन वाहनों को बराड़ा- दोसड़का से नेशनल हाईवे-73 से पंचकूला भेजा जा रहा है। मगर कुछ वाहन चालक अब गांव से रास्तों से अवगत हो गए है, जो मारकंडा पुल के बाद जलेबी पुल से यूटर्न लेकर गांव जैनपुरा के रेलवे अंडर पास से नेशनल हाईवे पर चढ़ रहे हैं। शाहाबाद में अम्बाला साइड से वाहनों को नहीं आने दिया जा रहा, जबकि कुछ वाहन गांव रामनगर से मारकंडा नदी के बीच से निकल कर शाहाबाद की तरफ आ रहे है। नैशनल हाईवे पर एम्बुलेंस वाहनों को भी बराड़ा से दोसड़का के रास्ते पीजीआई चडीगढ़ 3 गुणा सफर तय करके जाना पड़ रहा है। उधर नलवी-ठोल और इस्माईलाबाद से आने वाले वाहन गांव गुमटी में बने मारकंडा पुल से निकल कर दयाल नगर रेलवे अंडर पास से नेशनल हाईवे पर चढ़ते नजर आ रहे है। इंटरनेट बंद रहने से जीपीएस भी वकिर्ंग नहीं कर रहा है, जिसके चलते आज नेशनल हाईवे पर हर वाहन चालक परेशान है।

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