चंडीगढ़ : हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमाओं पर किसानों को अवरोधकों की ओर बढ़ने से रोकने के लिए बुधवार को उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे किसानों ने घोषणा की थी कि वे इस मुद्दे को हल करने के लिए किसानों के साथ चौथे चरण की वार्ता विफल रही। कुछ किसानों ने हरियाणा में अंबाला के समीप शंभू में कई चरणों में लगाए अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। थोड़ी देर के विराम के बाद फिर ऐसी ही घटना हुई।
शंभू सीमा पर प्रदर्शन स्थल के ऊपर एक ड्रोन भी देखा गया। पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में भी ऐसी ही स्थिति देखी गयी जब हरियाणा पुलिस ने अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़े। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद अराजकता की स्थिति पैदा हो गयी और किसानों को इलाके में धुआं फैलने के कारण बचने के लिए इधर-उधर भागते देखा गया। कई प्रदर्शनकारी किसानों को आंसू गैस से अपने आप को बचाने के लिए मास्क और चश्मा पहने हुए देखा गया।
किसान नेताओं ने किसानों से सीमा बिंदुओं पर शांति बनाए रखने को कहा है। प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। इन किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।