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Magh Gupt Navratri : गुप्त नवरात्रि में पाएं मां दुर्गा की कृपा, भूल कर भी न करें ये गलतियां… हो सकता है भारी नुकसान

नेशनल डेस्क : गुप्त नवरात्रि हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, जो विशेष रूप से तंत्र-मंत्र की सिद्धि और मां दुर्गा की उपासना के लिए समर्पित होती है। यह नवरात्रि हर साल दो बार होती है – माघ और आषाढ़ माह में। इन दोनों नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि का आयोजन अधिकतर उन लोगों द्वारा किया जाता है जो तंत्र-मंत्र और योग की साधना करना चाहते हैं। आइए जानते है गुप्त नवरात्रि से जुड़ी कुछ अहम बातों को …

गुप्त नवरात्रि के समय

गुप्त नवरात्रि का आयोजन माघ और आषाढ़ माह में होता है:

  1. माघ गुप्त नवरात्रि – यह नवरात्रि जनवरी-फरवरी में आती है, जो 9 दिनों तक चलती है।
  2. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि – यह नवरात्रि जून-जुलाई के महीने में आती है।

इस दौरान मां दुर्गा की पूजा और उनके दस महाविद्याओं का पूजन विशेष रूप से किया जाता है।

मां दुर्गा की 10 महाविद्याएं

गुप्त नवरात्रि के दौरान, मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये महाविद्याएं तंत्र-मंत्र की साधना में प्रमुख स्थान रखती हैं। ये 10 महाविद्याएं निम्नलिखित हैं:

  1. काली
  2. तारा
  3. छिन्नमस्ता
  4. षोडशी
  5. भुवनेश्वरी
  6. त्रिपुर भैरवी
  7. धूमावती
  8. बगलामुखी
  9. मातंगी
  10. कमला

इन महाविद्याओं की उपासना से तंत्र-मंत्र की सिद्धि और साधक की मानसिक शांति प्राप्त होती है। इन्हें शाक्त पूजा में विशेष महत्व दिया जाता है।

गुप्त नवरात्रि के दौरान क्या करना चाहिए?

गुप्त नवरात्रि के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जो पूजा की सफलता और आत्मिक शांति के लिए जरूरी होते हैं:

व्रत रखना: इस दौरान व्रत रखना बहुत महत्वपूर्ण है। साधक को तामसिक आहार (मांस, मछली, प्याज, लहसुन, मदिरा आदि) से बचना चाहिए।

मंत्रों का जाप: मां दुर्गा की महाविद्याओं के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

तंत्र-मंत्र की साधना: गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए विशेष पूजा की जाती है।

साधना में एकाग्रता: मानसिक एकाग्रता बनाए रखना और ध्यान केंद्रित करना इस समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

 

गुप्त नवरात्रि के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

गुप्त नवरात्रि के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि व्रत और पूजा में किसी भी प्रकार की विघ्न न आए:

तामसिक पदार्थों से बचें: मांस-मछली, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

झूठ बोलने से बचें: व्रत के दौरान झूठ बोलना और क्रोध पर काबू न पाना नहीं चाहिए।

दाढ़ी-मूंछ, बाल और नाखून न कटवाएं: इस दौरान शरीर के बाल, दाढ़ी या नाखून नहीं काटने चाहिए।

काले रंग के कपड़े न पहनें: गुप्त नवरात्रि में काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

चमड़े की वस्तुएं न इस्तेमाल करें: चमड़े की वस्तुएं (जैसे बेल्ट, बैग, जूते) का उपयोग नहीं करना चाहिए।

गंदगी या अंधेरे को न रखें: घर में गंदगी या अंधेरा न रखें, घर को स्वच्छ और उज्जवल बनाए रखें।

बड़े, महिला और पशु-पक्षियों को परेशान न करें: किसी का अपमान या परेशानी नहीं करनी चाहिए

बेड या पलंग पर न सोएं : गुप्त नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को 9 दिनों तक बेड या पलंग पर सोने से बचना चाहिए।

गुप्त नवरात्रि एक विशेष समय है जब साधक तंत्र-मंत्र की साधना करता है और मां दुर्गा की पूजा से मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करता है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए होता है जो अपने जीवन में विशेष शक्तियों की प्राप्ति या आत्मिक उन्नति की साधना करना चाहते हैं। अगर आप इन नियमों और विधियों का पालन करेंगे, तो इस पर्व का फल निश्चित ही मिलेगा।

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