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Mahakumbh Stampede 2025 : महाकुंभ की भगदड़ में मां को ढूंढता रहा बेटा… लड़के ने सुनाई दर्दभरी कहानी

नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को एक भयंकर भगदड़ मच गई। यह हादसा मौनी अमावस्या के दिन हुआ, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए। दरअसल, गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई। लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं, और जैसे ही वे जमीन पर गिरीं, भगदड़ मच गई। घायलों को तुरंत महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास के अस्पताल में भेजा गया, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल महिलाओं को इलाज के लिए बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

महाकुंभ में मां को ढूंढता रहा शख्स

आपको बता दें कि भगदड़ के कारण कई लोग घायल भी हुए हैं और कुछ लोग लापता हो गए हैं। लोग अपने लापता परिजनों को ढूंढने के लिए अस्पतालों और अन्य जगहों पर पहुंच रहे हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति, जयप्रकाश सोनी, अपनी मां को ढूंढने की कोशिश में हैं, और उनकी दर्दनाक कहानी दिल को छूने वाली है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

कई लोगों को बाहर निकाला, लेकिन…

दरअसल, जयप्रकाश सोनी, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से आए थे, ने बताया कि भगदड़ की शुरुआत रात 1 बजे हुई। उन्होंने बताया, “इतनी भीड़ थी कि लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे। कई लोग दब गए। मैंने कई लोगों को बाहर निकाला, लेकिन अपनी मां को नहीं निकाल सका।” जयप्रकाश ने अपनी मां और अन्य परिवार के सदस्य को भी भीड़ में दबे हुए देखा। उन्होंने कई लोगों को बाहर निकाला, लेकिन उनकी मां काफी नीचे दब गईं।

मां की हालत और अस्पताल का हाल

जयप्रकाश ने बताया, “जब अंत में मां को बाहर निकाला गया, तो उनकी सांसें फूल रही थीं। आधे घंटे बाद एंबुलेंस आई और मां को अस्पताल भेजा गया।” इसके बाद, जयप्रकाश ने कई घंटों तक अपनी मां की खोज जारी रखी। लगभग 8-9 घंटे बीतने के बाद भी उन्हें अपनी मां का कोई पता नहीं चला। जयप्रकाश ने कहा, “मैं केंद्रीय अस्पताल गया, जहां मुझे बताया गया कि मेरी मां को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। इसलिए अब मैं यहां आया हूं, लेकिन अभी भी उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है।”

यह घटना न केवल जयप्रकाश सोनी के लिए, बल्कि उन सभी परिवारों के लिए एक भयावह और दर्दनाक अनुभव है जो अपने बिछड़े हुए परिजनों की तलाश कर रहे हैं। महाकुंभ के इस दुखद हादसे ने कई जिंदगियों को प्रभावित किया है और अब लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उनके परिजनों को सुरक्षित ढूंढ लिया जाए।

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