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देश की सांस्कृतिक समृद्धि का महत्वपूर्ण स्त्रोत है बहुरंगी कलाएं : Mangubhai Patel

Mangubhai Patel : मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने कहा कि देश की सांस्कृतिक समृद्धि का महत्वपूर्ण स्त्रोत बहुरंगी कलाएं है। यह हमारे अंदर की कोमल भावनाओं को जगा कर हमें मनुष्यता का पाठ पढ़ाती है। कलाएं हमारी परम्पराओं, विरासतों, रीति-रिवाजों, संस्कारों, धर्म, समाज, भाषा आदि की विशिष्टताओं को सहेजती और संरक्षित रखती.

Mangubhai Patel : मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने कहा कि देश की सांस्कृतिक समृद्धि का महत्वपूर्ण स्त्रोत बहुरंगी कलाएं है। यह हमारे अंदर की कोमल भावनाओं को जगा कर हमें मनुष्यता का पाठ पढ़ाती है। कलाएं हमारी परम्पराओं, विरासतों, रीति-रिवाजों, संस्कारों, धर्म, समाज, भाषा आदि की विशिष्टताओं को सहेजती और संरक्षित रखती हैं।

मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान परिसर श्यामला हिल्स भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय कला उत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर देशभर के विजेता छात्र-छात्रओं को कला की विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किए और राष्ट्रीय कला उत्सव की विभिन्न विधाओं के निर्णायकों को भी सम्मानित किया। उन्होंने एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा आयोजित कला प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

राष्ट्रीय कला उत्सव का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और एन.सी.ई.आर.टी. के सहयोग से 3-6 जनवरी, 2025 तक किया गया। कला उत्सव में भारत के केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालय के लगभग 600 प्रतिभागी शामिल हुए। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय कला उत्सव के आयोजन के लिए एन.सी.ई.आर.टी. को साधुवाद भी दिया।

मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने कहा कि कला उत्सव, देश की कला-संस्कृति की विरासत को शिक्षा के क्षेत्र में संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने का प्रभावी प्रयास है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों की प्रतिभा, कौशल को निखार कर उनका समग्र विकास कर 21वीं सदी के वैश्विक नेताओं के रूप में तैयार करने का प्रकल्प है। यह देश के बच्चों की असीम क्षमता को महसूस करते हुए विकसित भारत 2047 की संकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से बनाई गई है।

उन्होंने प्रतिभागी छात्र-छात्रओं से आगामी 12 जनवरी को आयोजित हो रहे विकसित भारत यंग लीडर्स संवाद कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील भी की। मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने कहा कि भावी पीढ़ी, अपनी संस्कृति के जिस स्वरूप को देखती है उसी के अनुरूप अपने जीवन के नये मूल्यों का निर्माण करती है। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि बच्चों को अनुभव आधारित शिक्षा के द्वारा, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता से जोड़े और एक भारत-श्रेष्ठ भारत के गौरवशाली दृष्टिकोण से परिचित और प्रेरित कराएं।

मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने कहा कि कला के लिए जीवन में विशेष जगह रखें क्योंकि कला हमें जोड़ती है, प्रेरित करती है और एक समुदाय के रूप में मजबूत बनाती है। इसलिए प्रयास करें कि राष्ट्रीय कला उत्सव का यह आयोजन, कला के विभिन्न रूपों के प्रदर्शन का केवल मंच नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और परंपराओं के बारे में जागरूक बनाने और संरक्षण के लिए जन मानस को प्रेरित करने का सशक्त माध्यम बने।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) का कार्यक्रम में शॉल और पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का वीडियों संदेश प्रसारित किया गया। केन्द्रीय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कला के परिचय, प्रकार और उपयोगिता पर अपने विचार रखे।

एन.सी.ई.आर.टी. के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने कला उत्सव के आयोजन की विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय समन्वय डॉ. ज्योत्सना तिवारी ने कला उत्सव आयोजन की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। डॉ. दीपक पालीवाल ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय कला उत्सव के समापन समारोह में केन्द्रीय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अपर सचिव आनंद राव पाटिल, कला मनीषी, कला गुरू, विभिन्न विधाओं के प्रतिभागी छात्र-छात्रएं और अभिभावक उपस्थित थे।

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