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कर्नाटक विधानसभा में पास हुआ मुस्लिम कोटा बिल, BJP ने कॉपी फाड़ स्पीकर पर फेंकी

नेशनल डेस्क: कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय को सरकारी ठेके में चार फीसदी आरक्षण देने वाला बिल पास हो गया। इसके बाद सदन में भारी हंगामा हुआ और विधानसभा की कार्यवाही 1.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। बीजेपी ने इस प्रस्ताव को असंवैधानिक बताया और इसे कानूनी रूप से चुनौती देने की कसम खाई।

भाजपा नेताओं ने सदन के वेल में घुसकर सत्तारूढ़ सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद भाजपा नेताओं ने चार प्रतिशत कोटा बिल को फाड़ दिया और स्पीकर पर कागज फेंके। भाजपा विधायक भरत शेट्टी ने कहा, “हनी ट्रैप घोटाले पर चर्चा करने के बजाय, मुख्यमंत्री चार प्रतिशत मुस्लिम बिल पेश करने में व्यस्त थे और इसलिए हमने विरोध किया। सरकारी विधायकों ने भी कागज फाड़े और हम पर किताबें फेंकी; हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।”

 

मंत्रियों और विधायकों की सैलरी बढ़ी
कर्नाटक विधानसभा में मंत्रियों और विधायकों के वेतन से जुड़ा बिल भी पारित हो गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री की सैलरी को 75,000 रुपए से बढ़कर 1.5 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है। वहीं, मंत्रियों की सैलरी 60,000 रुपए से बढ़कर 1.25 लाख रुपए कर दिया जाएगा। विधायकों की सैलरी 40,000 से बढ़कर 80,0000 रुपए करने का प्रस्ताव है।

कांग्रेस सरकार ने किया बचाव 
सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने आरक्षण को अल्पसंख्यकों के लिए सामाजिक न्याय और आर्थिक अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम बताते हुए बचाव किया, जबकि विपक्षी भाजपा ने उस पर तुष्टिकरण की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी निविदाओं में चार प्रतिशत कोटा मिलेगा, जिससे वे सार्वजनिक अनुबंधों के लिए अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि यह उपाय समावेशी विकास और सकारात्मक कार्रवाई के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

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