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Waqf Bill के स्पोर्ट में सड़क पर उतरा ये मुस्लिम संगठन… मोदी जी का किया शुक्रिया

नेशनल डेस्क : लोकसभा में थोड़ी देर में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इस विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी है, और यदि सदन की सहमति मिले तो चर्चा का समय बढ़ाया भी.

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नेशनल डेस्क : लोकसभा में थोड़ी देर में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इस विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी है, और यदि सदन की सहमति मिले तो चर्चा का समय बढ़ाया भी जा सकता है। इसके बाद सरकार इस विधेयक को पारित करने की पूरी कोशिश करेगी, और फिर इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहीं  मध्य प्रदेश में इस विधेयक के समर्थन में मुस्लिम समाज के कई छोटे संगठनों ने रैलियां निकालीं। इन रैलियों में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हुईं, जिनके हाथों में “शुक्रिया मोदीजी” के पोस्टर थे। यह दिखाता है कि मुस्लिम समाज की महिलाएं भी इस विधेयक को सकारात्मक रूप से देख रही हैं और उन्होंने इसे समर्थन दिया है। आइए जानते है इस खबर  को विस्तार से…

बिल के स्पोर्ट में उतरे मुस्लिम संगठन 

हाथों में पोस्टर और फूलों के साथ सड़क पर उतरीं इन महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। इस समर्थन के पीछे यह भावना है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समाज की समस्याओं को हल करने और वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन में मदद करेगा। भोपाल के हाताई खेड़ा डैम के पास आनंदपुरा कोकता में मुस्लिम समाज के लोग एकत्रित हुए और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बैनर और पोस्टर लेकर आभार जताया। इस आयोजन में ढोल बजाए गए और आतिशबाजी भी की गई, जो मुस्लिम समाज के उत्साह और इस विधेयक के प्रति उनके समर्थन को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यहां की खुशी इस बात से भी जाहिर हो रही थी कि इस विधेयक को लेकर लोगों के बीच उत्साह और सकारात्मकता का माहौल था। इस विधेयक के समर्थकों का मानना है कि इससे मुस्लिम समाज के सामाजिक और धार्मिक अधिकारों का बेहतर संरक्षण होगा।

विधेयक में किए गए बदलाव

वर्तमान सरकार ने अपने सहयोगी दलों की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इनमें प्रमुख हैं:

  1. दान की पात्रता: अब केवल 5 वर्षों तक इस्लाम धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति ही वक्फ संपत्तियां दान कर सकेंगे।
  2. संपत्ति विवादों का निपटारा: दान की जाने वाली संपत्तियों से संबंधित किसी भी विवाद की स्थिति में उसकी जांच के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बदलाव से यह सुनिश्चित होगा कि वक्फ संपत्तियों के संबंध में किसी प्रकार का दुरुपयोग या विवाद न हो।
  3. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों का अधिकार: पुराने कानून की धारा 11 में संशोधन किया गया है। इसके तहत, वक्फ बोर्ड के पदेन सदस्य, चाहे वह मुस्लिम हों या गैर-मुस्लिम, अब गैर-मुस्लिम सदस्यों की गिनती में शामिल नहीं होंगे। इससे वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है, जो वक्फ संपत्तियों के अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रबंधन में सहायक हो सकता है।

विपक्ष का विरोध

विपक्षी दल इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि यह विधेयक संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। विपक्ष का आरोप है कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार मुस्लिम समुदाय के मामलों में हस्तक्षेप कर रही है और वक्फ बोर्ड के प्रबंधन को राजनीतिक रूप से प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। वे इसे मुस्लिम समाज के लिए हानिकारक मानते हैं।

वक्फ संशोधन विधेयक के लोकसभा में पेश होने से पहले ही इसके समर्थन और विरोध को लेकर एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक उबाल देखा जा रहा है। जहां कुछ मुस्लिम समुदाय के सदस्य इस विधेयक को समाज के भले के रूप में देख रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप करेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक पर लोकसभा में किस तरह की चर्चा होती है और क्या सरकार इसे पास करवा पाती है।

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