Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

कृषि कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं, पार्टी के रूख को नहीं करते हैं प्रर्दिशत : Kangana Ranaut

शिमला : वर्ष 2021 में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग करने को लेकर निशाने पर आईं भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बुधवार को कहा कि इन विवादास्पद कानूनों पर उनके विचार ‘निजी’ हैं और पार्टी के रूख को प्रर्दिशत नहीं करते हैं। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहीं भाजपा सांसद ने लिखा, कि ‘किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और इन विधेयकों पर पार्टी के रूख को नहीं प्रर्दिशत करते हैं।’’ अभिनय से राजनीति में आईं कंगना ने मंडी में मंगलवार को एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा था कि इन तीन कृषि कानूनों का केवल कुछ राज्यों में विरोध हुआ।

उन्होंने कहा था, कि ‘किसान भारत की प्रगति के शक्तिस्तंभ हैं। केवल चंद राज्यों में ही उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध किया। मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में इन कृषि कानूनों को वापस लाया जाए।’’ उन्होंने कहा था कि देश प्रगति के मार्ग पर है और कृषि कानूनों की बहाली से बेहतर वित्तीय स्थायित्व एवं किसानों का विकास सुनिश्चित होगा एवं अंतत: कृषि क्षेत्र को लाभ होगा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये बयान इस बात के संकेत हैं कि सत्तारूढ़ दल इन तीन कानूनों को वापस लाने की कोशिश कर रहा है । उसने कहा कि हरियाणा उसका मुंहतोड़ जवाब देगा।

कंगना रनौत का बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीतिक दल पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। हरियाणा में खासकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का बड़ा प्रदर्शन हुआ था जो इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे थे।किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून – कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए।

Exit mobile version