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डॉक्टरों की लापरवाही, ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ा सर्जिकल स्पंज… महिला की हुई दर्दनाक मौत

नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक महिला की ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मौत हो गई। इस मामले की जांच के बाद पांच डॉक्टरों को दोषी पाया गया है। महिला का ऑपरेशन हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय निकालने) के दौरान किया गया था, और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण पेट में.

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नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक महिला की ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मौत हो गई। इस मामले की जांच के बाद पांच डॉक्टरों को दोषी पाया गया है। महिला का ऑपरेशन हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय निकालने) के दौरान किया गया था, और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण पेट में सर्जिकल स्पंज छूट गया, जिससे महिला की मौत हो गई। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

घटना का विवरण

दरअसल, यह घटना 5 दिसंबर 2024 की है, जब महिला की मौत हुई। महिला का नाम खिलावती शंकर था, और वह मिश्राइन गौटिया गांव की रहने वाली थीं। महिला को पहले 7 जुलाई को गर्भाशय से रक्तस्राव होने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया और गर्भाशय निकाल दिया। इसके 23 जुलाई को डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी, और रिपोर्ट में कहा गया कि अब कोई समस्या नहीं है। हालांकि, छुट्टी के बाद महिला के पेट में सूजन और दर्द बढ़ने लगा। परिवारवालों ने डॉक्टर से संपर्क किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

ऑपरेशन के बाद लापरवाही और महिला की मौत

महिला को 14 नवंबर को फिर से जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अल्ट्रासाउंड से पता चला कि पेट में मवाद और सूजन बढ़ी हुई थी। फिर, 16 नवंबर को एक सर्जरी की गई, लेकिन दर्द में कोई कमी नहीं आई। बाद में सीटी स्कैन से पता चला कि महिला के पेट में सर्जिकल स्पंज छूट गया था। इस जानकारी को छुपा लिया गया, और 26 नवंबर को महिला को छुट्टी दे दी गई। 1 दिसंबर को, परिजन महिला को बरेली स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने स्पंज देखा और फिर से ऑपरेशन करने की बात की। 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को दो सर्जरी की गईं, लेकिन ऑपरेशन के कुछ समय बाद ही महिला की मौत हो गई।

दोषी पाए गए डॉक्टर

इस मामले में डॉक्टरों की लापरवाही पर सवाल उठे, और जिलाधिकारी ने मामले की जांच का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट में सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने डॉक्टरों को लापरवाही और महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने के लिए जिम्मेदार ठहराया। रिपोर्ट में कहा गया कि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासनिक और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

दोषी पाए गए डॉक्टरों के नाम

  1. डॉ. रुचिता बोरा (सहायक प्रोफेसर, जनरल सर्जरी विभाग)

 

  1. डॉ. सैफ अली (सीनियर रेजिडेंट)

 

  1. डॉ. आशा गंगवार (वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ)

 

  1. डॉ. रामबेटी चौहान (निजी डॉक्टर)

 

  1. डॉ. हिमांक माहेश्वरी (निजी डॉक्टर)

 

इन सभी डॉक्टरों को इस घटना के लिए दोषी ठहराया गया है।

यह घटना डॉक्टरों की लापरवाही और अनदेखी का बड़ा उदाहरण है, जो डॉक्टरों के पेशेवर कर्तव्यों के उल्लंघन की तरफ इशारा करती है। इस मामले में दोषी पाए गए डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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