इंटरनेशनल डेस्क : भारत हो या कोई और देश, हर दिन हमें यह खबर सुनने को मिलती है कि कहीं ना कहीं किसी लड़की या महिला के साथ बलात्कार हुआ है। यह घटनाएं आजकल बहुत आम हो गई हैं और समाज में इस तरह की घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि, अब नेपाल सरकार ने अपने देश में हो रहे बलात्कार को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। नेपाल सरकार अपने कानून में बदलाव करने जा रही है, जिससे बलात्कार के मामलों को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
नेपाल सरकार का कानून में बदलाव
दरअसल, नेपाल सरकार अब बलात्कार से जुड़े कानून में संशोधन करने जा रही है। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, नेपाल सरकार ने यह निष्कर्ष निकाला है कि वर्तमान में विवाह के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु सीमा के कारण बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने बाल अधिनियम और दंड संहिता में बदलाव करने का निर्णय लिया है। नेपाल सरकार शादी के लिए न्यूनतम उम्र को 20 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने पर विचार कर रही है।
कानून मंत्री का बयान
नेपाल के कानून मंत्री अजय चौरसिया ने बताया कि सरकार इस संशोधन विधेयक को जल्द ही पंजीकृत करने के लिए काम कर रही है और इस मुद्दे पर चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के अंतिम चरण में है। उनका मानना है कि यह बदलाव देश में बलात्कार की घटनाओं को कम करने में मददगार साबित होगा।
रोमियो-जूलियट कानून पर विचार
इसके साथ ही, नेपाल सरकार रोमियो-जूलियट कानून के विकल्प पर भी विचार कर रही है। यह कानून कुछ अमेरिकी राज्यों में प्रचलित है, जिसमें अगर दो युवा व्यक्तियों की उम्र में बहुत अधिक अंतर नहीं है तो उनके बीच सहमति से यौन संबंधों को कानूनी रूप से बलात्कार नहीं माना जाता है। नेपाल सरकार इस विकल्प को भी अपना सकती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि युवा पीढ़ी के रिश्तों में असहमति या गलतफहमी की वजह से बलात्कार के मामलों में वृद्धि न हो।
सजा का प्रावधान
नेपाल की आपराधिक संहिता में यह भी कहा गया है कि यदि विवाह के लिए निर्धारित कानूनी आयु सीमा का उल्लंघन किया जाता है तो आरोपी को अधिकतम 3 वर्ष तक की सजा और 30,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, अगर 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ सहमति से यौन संबंध स्थापित किए जाते हैं, तो इसे बलात्कार माना जाएगा।
समाज में जागरूकता और बदलाव की आवश्यकता
नेपाल सरकार का यह कदम एक महत्वपूर्ण शुरुआत हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही समाज में जागरूकता और बदलाव की भी आवश्यकता है। बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए कानून से ज्यादा समाज की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। महिलाओं के अधिकारों और उनके सम्मान को सुनिश्चित करना समाज का कर्तव्य बनता है। नेपाल सरकार का यह निर्णय एक सकारात्मक कदम है जो बलात्कार जैसी घटनाओं को रोकने में मदद कर सकता है। कानून में बदलाव के बाद उम्मीद की जा सकती है कि नेपाल में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए और सख्त कदम उठाए जाएंगे। वहीं, यह कदम अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण हो सकता है कि वे अपने यहां होने वाली ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठा सकते हैं।