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गैंगस्टरों के खिलाफ NIA की कार्रवाई जारी, बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बराड़ गैंग के 6 आरोपी गिरफ्तार

चंडीगढ़ (विनीत कपूर) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आतंकी-गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई जारी है। एनआईए ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बराड़ गैंग के 6 आरोपियों को धर दबोचा है। गिरफ्तार आरोपियों में लकी खोखर, लखवीर सिंह, हरप्रीत, दलिप बिश्नोई, सुरिंदर और हरि ओम शामिल हैं।

पंजाब के बठिंडा निवासी लक्की खोखर, जिसे मंगलवार को राजस्थान के श्री गंगानगर से गिरफ्तार किया गया था, कनाडा में अर्श डल्ला के सीधे और लगातार संपर्क में था। उसने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उससे धन प्राप्त किया था। उसने अपने निर्देश पर पंजाब में अर्श डल्ला के सहयोगियों को हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया था, जिनका इस्तेमाल अर्श डल्ला के निर्देश पर हाल ही में पंजाब के जगराओं में हुई हत्या को अंजाम देने के लिए किया गया था।

खोखर के अलावा एनआईए ने लखवीर सिंह को भी गिरफ्तार किया था। वहीं लखवीर सिंह को एक दिन बाद उनके और उनके सहयोगियों के खिलाफ पिछले अगस्त में सोशल मीडिया का उपयोग करके युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने का प्रयास करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वे आम जनता में डर पैदा करने के लिए अपने अपराधों का ‘प्रचार’ करने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहा था।

लखवीर के कब्जे से नौ हथियार बरामद किए गए हैं। वह एक कुख्यात अपराधी और छोटू राम भाट का सहयोगी है, जिसे पहले इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने इस मामले में अब तक कौशल चौधरी, अमित डागर, सुखप्रीत सिंह, भूपी राणा, नीरज बवाना, नवीन बाली और सुनील बालियान समेत 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सुरेंद्र चौधरी और दलीप बिश्नोई, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया और कनाडा के अपराधी गोल्डी बराड़ के जाने माने सहयोगी हैं।

मंगलवार को गिरफ्तार किए गए सुरिंदर चौधरी पर हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के लिए एनडीपीएस अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं। वह हरियाणा में अवैध शराब के ठेके, तस्करी और शराब और खनन ठेकेदारों से जबरन वसूली में शामिल रहा है और आतंक-गैंगस्टर सिंडिकेट के मुख्य वित्तपोषकों में से एक रहा है। दलीप बिश्नोई, जिसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया था, वह एक आदतन अपराधी है, जिसके खिलाफ 13 मामले दर्ज हैं। वह इस आतंकी गिरोह के मुख्य वित्तपोषकों में से एक रहा है और पंजाब और राजस्थान में गिरोहों को रसद सहायता प्रदान कर रहा था। इस तरह के आतंकी नेटवर्क और उनकी फंडिंग और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने के लिए आगे की जांच जारी है।

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