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दीपावली पर अब लोग नहीं कर सकेंगे आतिशबाजी…बिक्री पर लगा प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर हाेगी सख्त कार्रवाई

शिमला : हिमाचल प्रदेश के शिमला में दीपावली के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से गुप्त रूप से आयातित आतिशबाजी, अनधिकृत निर्माण एवं अवैध बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। शिमला के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजित भारद्वाज ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत वर्षों में यह देखने को मिला है की.

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शिमला : हिमाचल प्रदेश के शिमला में दीपावली के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से गुप्त रूप से आयातित आतिशबाजी, अनधिकृत निर्माण एवं अवैध बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। शिमला के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजित भारद्वाज ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत वर्षों में यह देखने को मिला है की अवैध पटाखों के निर्माण के दौरान अनेक दुर्घटनाएं हुई है जिसमें कई लोगों की मृत्यु अथवा घायल हुए है। इसके साथ-साथ अवैध तरीके से पटाखों का आयात होने की खबरें भी मिलती है जिसमे संवेदनशील रासायनिक पदार्थ शामिल होते है और जिनकी भारतीय कानून के तहत अनुमति नहीं है।

भारद्धाज ने कहा कि आतिशबाजी विक्रेता द्वारा फॉर्म एलई-3 और एलई-5 में लाइसेंस की शर्तों का सख्ती से पालन किया जाना आवश्यक है। रंगीन/स्टार माचिस और रोल/डॉट कैप्स को छोड़कर क्लोरेट युक्त आतिशबाजी का सामान लाइसेंस प्राप्त आतिशबाजी दुकानों में न रखा जाए। लिथियम, एन्टिमनी, पारा, आर्सेनिक, सीसा और स्ट्रोंटियम क्रोमेट के यौगिकों वाले पटाखों का भंडारण न हो। अट्ठारह वर्ष से कम आयु के बच्चों को पटाखे न बेचे जाएं। लाइसेंसधारी आतिशबाजी दुकानों का आपातकालीन निकास द्वार पूरी तरह खुला होना चाहिए तथा आपातकालीन निकास मार्ग में कोई अवरोध नहीं होना चाहिए।

दुकान के अंदर आतिशबाजी या ग्राहकों की भीड़ नहीं होने दी जाए ताकि आतिशबाजी के सामान को रखने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सके। आतिशबाजी की दुकानों में आतिशबाजी खुले में न रखी जाए। आतिशबाजी रखने और बेचने के दौरान धूम्रपान या किसी भी प्रकार का खुला लैंप, लालटेन, मोमबत्ती आदि जलाने की अनुमति नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि विक्रेता और श्रमिकों को आतिशबाजी की खतरनाक प्रकृति तथा पैकेटों और बक्सों के सुरक्षित संचालन के बारे में उचित प्रशिक्षण दिया जाए। परिसर में पर्याप्त संख्या में अग्निशामक यंत्र और रेत की बाल्टियाँ हमेशा रखी जाये तथा सभी संबंधित व्यक्तियों को अग्निशामक यंत्रों का उपयोग करने के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त दीपावली के दौरान आतिशबाजी का भण्डारण अज्वलनशील सामग्री से बने शेड में किया जाए। आतिशबाजी का शेड एक दूसरे से कम से कम तीन मीटर पर एवं सुरक्षित कार्य के लिए 50 मीटर की दूरी पर होना आवश्यक है। शेड एक दूसरे के आमने सामने न हो। शेड के अंदर किसी प्रकार की ज्वलनशील चीज का उपयोग न हो तथा प्रत्येक दुकान के इलेक्ट्रिक स्विच को एक मुख्य स्विच से जोड़ने की व्यवस्था हो ताकि आपातकालीन स्थिति में मुख्य स्विच के माध्यम से आगजनी को रखा जा सके।उन्होंने कहा कि इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ विस्फोटक नियम, 2008 के नियम 127 और 128 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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