नेशनल डेस्क : पाकिस्तान में बीते दिन मंगलवार को एक ट्रेन जिसका नाम जाफर एक्सप्रेस है उसके आतंकियों ने हाईजैक कर लिया है। दरअसल, यह घटना बलूच लिबरेशन आर्मी BLA के द्वारा की गई वहीं इस घटना में 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया। इस ट्रेन में पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारी भी सवार थे। पाकिस्तान की सेना ने इस घटना पर कार्रवाई शुरू कर दी है, और खबर है कि इस संघर्ष में छह सैन्यकर्मियों की मौत हो चुकी है। इस तरह की घटनाएं भारत में भी हो चुकी हैं। आइए जानते हैं भारत में कब-कब ऐसी घटनाएं घटीं है…
2013 ट्रेन हाईजैक केस…
आपको बता दें कि भारत में 2013 में एक ऐसी ही ट्रेन हाईजैक घटना हुई थी। 6 फरवरी 2013 को मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे मार्ग पर सिरसा गेट से कुम्हारी के बीच जनशताब्दी ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था। यह हाईजैकिंग करीब 13 किलोमीटर तक हुई थी। इस मामले में छह दोषियों को उम्रभर की सजा सुनाई गई थी। यह पूरा मामला जयचंद अपहरण कांड से जुड़ा हुआ था। दरअसल, 2001 में व्यापारी जयचंद वैद्य का अपहरण हुआ था, उन्हें 44 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था। इस घटना के मुख्य आरोपी उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा को पुलिस ने पकड़ा था, लेकिन वह जेल तोड़कर फरार हो गया था। बाद में उसने जनशताब्दी ट्रेन हाईजैक की घटना को अंजाम दिया।
2009 ट्रेन हाईजैक…
इसके साथ ही भारत में 2009 में भी एक हाईजैकिंग की घटना घटी थी, जब माओवादियों ने भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया। हथियारबंद माओवादियों ने जंगलमहल में करीब 300-400 लोगों के साथ इस ट्रेन को हाईजैक किया और कई यात्री और रेलकर्मियों को बंधक बना लिया। बता दें कि इस हाईजैकिंग की घटना के पीछे माओवादियों के नेता छत्रधर महतो का नाम सामने आया था, और कहा गया था कि उसके निर्देश पर ही यह घटना हुई थी। हालांकि, इस घटना के बाद कड़ी पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्रवाई की गई, जिसमें करीब 20 पुलिसकर्मियों और 150 सीआरपीएफ जवानों ने हाईजैकर्स से ट्रेन को छुड़ाया। गनीमत रही कि इस घटना में ट्रेन के ड्राइवर और यात्री सुरक्षित रहे।
भारत और पाक में एक जैसे मामलों…
भारत और पाकिस्तान में दोनों जगह ट्रेन हाईजैकिंग की घटनाएं घट चुकी हैं, और इन घटनाओं के पीछे आतंकवाद, माओवाद या किसी खास संगठन का हाथ रहा है। हालांकि, दोनों देशों में इस तरह की घटनाओं के प्रति सुरक्षा व्यवस्था में लगातार सुधार की जरूरत महसूस की जाती है। पाकिस्तान में हुए इस ट्रेन हाईजैक के बाद, यह बात साफ हो गई है कि इस तरह की घटनाएं केवल एक देश में ही नहीं, बल्कि विभिन्न देशों में भी हो सकती हैं। इन घटनाओं से न केवल यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा मंडराता है, बल्कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा को भी चुनौती मिलती है।