नेशनल डेस्क : राजस्थान के जैसलमेर में पुलिस ने एक पाकिस्तानी युवक को गिरफ्तार किया है, जो बिना वीजा के नेपाल के रास्ते भारत आया था। इस युवक ने पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं और यह सामने आया कि वह एक पाकिस्तानी यूट्यूबर है। उसकी पहचान विनय कपूर के नाम से हुई है, और उसने भारत आने के बाद भी कई वीडियो पोस्ट किए थे। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
वीडियो पोस्ट करता रहा..
दरअसल, यह शख्स जिसका नाम विनय कपूर है, भारत आने के बाद भी सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करना जारी रखा था। एक बड़ा खुलासा यह है कि वह 4 जून 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था और उसने 19 जून 2024 को इस कार्यक्रम का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। बता दें कि 2023 में सोशल मीडिया के जरिए विनय की पहचान सचिन चौधरी नामक व्यक्ति से हुई थी। इसके बाद, विनय नेपाल होते हुए उत्तराखंड के रास्ते भारत पहुंचा। सचिन ने उसे भारत में दाखिल होने के लिए मदद की थी और गाजियाबाद में उसके लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे। इसके साथ ही, सचिन ने उसे पाकिस्तान में करेंसी भी ट्रांसफर की थी।
#WATCH | Rajasthan: Sudhir Choudhary, SP says, ” Since Jaisalmer is a border district, we stay in contact with central and state agencies…we got an input that a man namely Vinay Kapoor, who is a Youtuber…he had made several YouTube videos of Pakistan border areas and after… pic.twitter.com/vLZmFhr2GL
— ANI (@ANI) February 8, 2025
गाजियाबाद में फर्जी बैंक खाते खोले
विनय ने भारत आने के बाद गाजियाबाद में 3-4 बैंकों में खाते भी खोले थे। सचिन चौधरी के सहयोग से वह यह सब कर पाया था। भारत में अवैध रूप से दाखिल होने के बाद, विनय जैसलमेर में अपने रिश्तेदारों से मिलने आया था। वह यहां किराए के मकान में रह रहा था और पुलिस को सूचना मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
पुलिस की पूछताछ और रिमांड
पुलिस ने विनय और सचिन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि विनय ने कई फर्जी दस्तावेज बनाए थे, जिनका वह नागरिकता के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। इसके अलावा, पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि इस तरह के रैकेट के पीछे कौन लोग हैं और क्या वे किसी बड़े संगठन का हिस्सा हैं।
सचिन चौधरी की भूमिका और जांच जारी
सचिन चौधरी की भूमिका भी जांची जा रही है। उसने विनय को पाकिस्तान से भारत लाने में मदद की और उसे फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या सचिन का कोई और सहयोगी है या वह अकेले ही इस रैकेट में शामिल था। विनय कपूर 2019 में भी वीजा के साथ भारत आ चुका था। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह किस उद्देश्य से भारत आया था और क्या उसके संपर्क में आने वाले लोग किसी देश विरोधी गतिविधि में संलिप्त हैं या नहीं।
अगली कार्रवाई और जांच
पुलिस ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर ले लिया है और उनसे विस्तृत पूछताछ जारी है। जांचकर्ताओं को यह जानने की कोशिश है कि इस अवैध रैकेट के पीछे और कौन लोग हो सकते हैं और इस मामले में क्या कोई बड़ा नेटवर्क शामिल है।