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Pakistan की राजधानी किले में हुई तब्दील… सड़कें शिपिंग कंटेनर से ब्लॉक, इंटरनेट-मोबाइल सर्विस बंद, सेना को बुलाया

Pakistan Capital Turned Fortress

Pakistan Capital Turned Fortress

Pakistan Capital Turned Fortress : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को एक बार फिर किले में तब्दील कर दिया गया है। दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक इमरान खान द्वारा रविवार को घोषित एक बड़ी सरकार विरोधी रैली के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। अराजकता और हिंसा की आशंका को देखते हुए, सत्तारूढ़ सरकार ने राजधानी की ओर जाने वाली सभी सड़कों को शिपिंग कंटेनरों से ब्लॉक कर दिया है। अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और कम से कम दो महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है, जिससे इस्लामाबाद में किसी भी सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लग गया है।

नवीनतम जानकारी के अनुसार, इस्लामाबाद की ओर जाने वाले कम से कम 37 मार्गों को ब्लॉक कर दिया गया है। छह मोटरवे को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। राजधानी के रेड जोन को सुरक्षित करने के लिए पाकिस्तानी सेना को बुलाया गया है जिसमें राजनयिक एन्क्लेव, संसद, राष्ट्रपति भवन, पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय, विदेश कार्यालय और अन्य सरकारी भवन शामिल हैं।

इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं, साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस भी निलंबित कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी को भी राजधानी में अशांति फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीटीआई का विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है जब बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की 25 नवंबर से शुरू होने वाली पाकिस्तान यात्र से पहले बेलारूस से 60 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को इस्लामाबाद पहुंचने वाला है।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक साल से अधिक समय से जेल में हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों और समर्थकों से बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरने और उनकी रिहाई की मांग करते हुए राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है। पार्टी का दावा है कि खान को मनगढ़ंत और झूठे मामलों में जेल में डाला गया है। उनकी रिहाई के अलावा, पीटीआई 8 फरवरी के आम चुनाव में गड़बड़ी के खिलाफ और 26वें संविधान संशोधन को रद्द करने की भी मांग कर रही है, जो मौजूदा सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर और अन्य के लिए कार्यकाल बढ़ाने का रास्ता साफ करता है।

विरोध प्रदर्शन को देखते हुए वहीं पंजाब सरकार ने भी प्रांत में धारा 144 लागू कर दी है और पीटीआई समर्थकों और नेताओं को हिंसा फैलाने की कोशिश करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। पीटीआई का कहना है कि वह रविवार के विरोध प्रदर्शन करके रहेगी, हालांकि पार्टी के भीतर स्पष्ट विभाजन दिखाई देता है, जिसमें कई सदस्य संभावित गिरफ्तारी, दमन और हिंसा के बारे में चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

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