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कुत्तों के काटने से हर साल होती है इतने लोगों की मौत… रिसर्ज में हुआ ये बड़ा खुलासा

एक अध्ययन के अनुसार, भारत में पशुओं द्वारा किए जाने वाले काटने की घटनाओं में से 75% घटनाओं में कुत्ते शामिल होते हैं।

नेशनल डेस्क : एक अध्ययन के अनुसार, भारत में पशुओं द्वारा किए जाने वाले काटने की घटनाओं में से 75% घटनाओं में कुत्ते शामिल होते हैं। इसके अलावा, हर साल भारत में रेबीज के कारण लगभग 5700 लोगों की मृत्यु हो जाती है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

ICMR द्वारा किया गया व्यापक सर्वेक्षण

दरअसल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मार्च 2022 से अगस्त 2023 तक देशभर के 15 राज्यों के 60 जिलों में एक बड़ा सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य पशुओं द्वारा काटने की घटनाओं, एंटी-रेबीज टीकाकरण और रेबीज के कारण होने वाली मौतों का आंकलन करना था। सर्वेक्षण में 78,800 से अधिक परिवारों से जानकारी ली गई और 3,37,808 लोगों से यह पूछा गया कि क्या उनके परिवार में किसी पशु ने काटा, क्या एंटी-रेबीज टीकाकरण हुआ और क्या पशुओं के काटने के कारण कोई मौत हुई।

मुख्य उद्देश्य और निष्कर्ष

इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह जानना था कि देशभर में कितनी बार पशु काटने की घटनाएं हुई हैं और इससे संबंधित उपचार और मौतों का स्तर क्या है। इससे प्राप्त आंकड़ों से यह पता चलता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है और इसे नियंत्रित करने के लिए किस तरह की योजनाएं बनाई जा सकती हैं।

कुत्तों से होने वाले काटने के मामलों का प्रतिशत

वहीं इस सर्वेक्षण में पाया गया कि 76.8% घटनाओं में कुत्तों ने काटा। सर्वेक्षण में शामिल 2000 से अधिक लोगों ने पशुओं द्वारा काटे जाने की घटनाओं के बारे में जानकारी दी और इनमें से अधिकांश मामलों में कुत्ते जिम्मेदार थे। इस सर्वेक्षण से यह निष्कर्ष निकला कि प्रति 1000 लोगों में से 6 लोग किसी न किसी पशु द्वारा काटे गए हैं। इस आंकड़े का मतलब है कि भारत में लगभग 91 लाख लोग सालाना पशु काटने का शिकार होते हैं।

रेबीज से होने वाली मौतों का अनुमान

शोधकर्ताओं ने अनुमान जताया कि भारत में हर साल लगभग 5726 लोग रेबीज के कारण अपनी जान गंवाते हैं। यह आंकड़ा रेबीज के खतरे को दर्शाता है, जो कुत्तों द्वारा काटने के बाद होने वाली गंभीर बीमारी से जुड़ा हुआ है।इस अध्ययन के आधार पर, शोधकर्ताओं ने कहा कि ये आंकड़े भारत के 2030 तक कुत्तों से होने वाले रेबीज के मामलों को समाप्त करने के वैश्विक लक्ष्य को समझने में मदद करते हैं।

भारत का वैश्विक लक्ष्य

वैश्विक स्तर पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों का उद्देश्य है कि 2030 तक कुत्तों द्वारा मानवों में रेबीज के संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त किया जाए। भारत में यह समस्या खासतौर पर गंभीर है, क्योंकि यहां कुत्तों के काटने की घटनाओं की संख्या बहुत अधिक है, और रेबीज से होने वाली मौतों की संख्या भी अधिक है।

आंकड़ों का महत्व

इस अध्ययन के निष्कर्षों से यह पता चलता है कि कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं बहुत आम हैं, और रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी की संभावना बनी रहती है। हालांकि, यह भी देखा गया है कि रेबीज से बचाव के उपायों के तहत एंटी-रेबीज टीकाकरण में सुधार किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि इन आंकड़ों से सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को यह समझने में मदद मिलती है कि क्या हम 2030 के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सही कदम उठा रहे हैं, और क्या और अधिक सुधार की आवश्यकता है।

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