Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

PM Modi ने विपक्ष पर किया पलटवार,कहा- जितना कीचड़ उछालोगे, उतना ही खिलेगा कमल

नई दिल्लीः राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद चर्चा का जवाब देने के लिए पीएम मोदी राज्यसभा में जवाब दिया। पीएम माेदी ने बिना नाम लिए राहुल गांधी से लेकर विपक्ष पर निशाना साधा था। उनके अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। पीएम मोदी ने कहा, कि कुछ लोगों का व्यवहार निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल हैं। उन्हाेंने कहा कि जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा। हमारी सफलता में आपके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता हैं।

पीएम माेदी ने कहा कि आजादी से पहले अब तक हमारे सरकार में आने तक सिर्फ 3 करोड़ घरों तक नल से जल मिलता था, लेकिन पिछले 3-4 साल में 11 करोड़ घरों को पानी मिल रहा है। भारत पानी की समस्या, जो हर परिवार की समस्या होती है, हमने उसे खत्म करने की दिशा में काम किया। उन्हाेंने कहा कि इस देश के आधे से ज्यादा लोग बैंकों के दरवाजों तक नहीं पहुंच पाए, हमने परमानेंट समाधान निकाला हैं। पिछले 9 साल में ही 48 करोड़ जनधन बैंक खाते खोले गए। इनमें से 32 करोड़ बैंक खाते ग्रामीण और छोटी जगहों पर खुले हैं। पीएम मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का जिक्र करते हुए कहा कि आपके राज्य में कर्नाटक में 1 करोड़ 70 लाख जनधन खाते खुले हैं। इतना ही नहीं उन्हीं के इलाके कलबुर्गी में 8 लाख से ज्यादा जनधन खाते खुले हैं। अब बताइए इतने बैंक के खाते खुल जाएं, लोग इतने जागरुक हो जाएं और किसी का इतने सालों बाद खाता बंद हो जाए, तो उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं।

राहुल गांधी का नाम लिए बिना पीएम माेदी ने कहा, कि जो अहंकार में डूबे हैं, उन्हें लगता है कि मोदी को गाली देकर ही हमारा रास्ता निकलेगा, ताे विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए पीएम ने कहा था कि मेरे पास 140 करोड़ देशवासियों के भरोसे का सुरक्षा कवच है, जिसे झूठे आरोपों और गालियों से भेदा नहीं जा सकता।

पीएम माेदी ने कहा, कि जब कोई भी सरकार में आता है, तो देश के लिए कुछ करने का वादा करके आता है। पहले कहा गया गरीबी हटाओ, लेकिन चार दशक हो गए, इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया। इसलिए विकास का परिणाम बहुत मायने रखता है। हम जनता की प्राथमिकता के आधार पर मेहनत करते हैं, तो हम पर दबाव भी बढ़ता है। हमें मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है। जैसे श्रेय का रास्त चुना है, जो प्रिय का रास्ता है, उसे नहीं चुना है।

Exit mobile version