चंडीगढ़ : सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से जुडी बड़ी खबर सामने आई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मूसेवाला हत्या मामले में बर्खास्त पुलिसकर्मी प्रीतपाल सिंह को अंतरिम जमानत दी है। आपको बता दें कि बर्खास्त पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर आरोपी गैंगस्टर दीपक टीनू को हिरासत से भागने में मदद की थी।
कौन हैं दीपक टीनू?
गैंगस्टर दीपक टीनू लॉरेंस बिश्नोई का कथित सहयोगी है जिसने हत्या के लिए शार्प शूटरों की व्यवस्था करने में मदद की थी। आरोप था कि सीआईए की हिरासत में रहने के दौरान दीपक तत्कालीन सीआईए सब-इंस्पेक्टर प्रीतपाल सिंह की मदद से फरार हो गया था। पुलिसकर्मी प्रीतपाल सिंह पर अक्टूबर 2022 में जिला मानसा में आईपीसी की धारा 222, 224, 225-ए, 212, 216, 120-बी और शस्त्र अधिनियम की धारा 25, 54, 59 के तहत मामला दर्ज किया गया था और तब से वह हिरासत में है।
वकील ने बताया कि आरोपी दीपक ने सुरक्षा एजेंसियों को कई गुप्त जानकारी दी और सीआईए स्टाफ मानसा से भागने वाले दिन उसने जांच एजेंसी को बताया कि वह गैंगस्टरों द्वारा उपयोग किए जा रहे भारी मात्रा में हथियारों के साथ-साथ नशीली दवाओं को भी बरामद करने जा रहा है और उसके प्रलोभन पर पूरा सीआईए स्टाफ धोखा खा गया और वह हिरासत से भाग निकला। दीपक को अब दिल्ली से फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है और सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
कैसे बना कुख्यात गैंगस्टर?
गैंगस्टर दीपक उर्फ टीनू हरियाणा के भिवानी जिले का रहने वाला है। दीपक ने 2013 के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा, जब उस पर लड़ाई झगड़ा और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज हुआ था। 11 साल का लंबा सफर तय करने के बाद वह एक कुख्यात गैंगस्टर बन गया। टीनू पर भिवानी समेत अन्य राज्यों में 32 आपराधिक केस दर्ज हैं।