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दूसरे राज्यों से बसों के आने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है: CM आतिशी 

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को कहा कि आनंद विहार इलाके में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण दूसरे राज्यों से आने वाली बसें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी के पास स्थित उत्तर प्रदेश सरकार के बस डिपो पर प्रदूषण रोधी उपायों को लागू करने के लिए पड़ोसी राज्य के साथ मिलकर काम करेगी। आतिशी ने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ आनंद विहार बस डिपो पर प्रदूषण नियंत्रण उपायों का निरीक्षण करने के बाद यह टिप्पणी की। मुख्यमंत्री ने प्रदूषण के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित आनंद विहार प्रदूषण का केंद्र बना हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) स्तर सबसे अधिक है। इस क्षेत्र में दिल्ली के बाहर से बसों का आना-जाना लगा रहता है और पास में ही कौशाम्बी बस डिपो भी है। दिल्ली में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं, जबकि कौशाम्बी बस डिपो में डीजल बसें आती हैं। हम वहां भी प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) और क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) द्वारा किए गए निर्माण कार्यों से भी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार इस समस्या से निपटने के लिए 99 टीम और 315 से अधिक ‘स्मॉग गन’ सहित सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में लगातार ‘स्मॉग गन’ का इस्तेमाल किया जा रहा है और धूल को नियंत्रित करने के लिए सड़कों को गीला रखा जा रहा है। सभी सड़कों की मरम्मत कर दी गई है और यातायात के सुचारु संचालन के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों को साफ कर दिया गया है।’’ ‘स्मॉग गन’ से धूल और अन्य कणों से जुड़े वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वातावरण में पानी की छोटी बूंदों का छिड़काव किया जाता है।
आतिशी ने यमुना में प्रदूषण के मुद्दे पर भी बात की और हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश सरकारों पर नदी में अशोधित अपशिष्ट छोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘छठ पर्व के दौरान वे आगरा नहर को बंद कर देते हैं जिससे उनका अशोधित कचरा दिल्ली की ओर चला जाता है। फिर भी हम समाधान चाहते हैं। यही कारण है कि हम खाद्य-आधारित ‘सिलिकॉन डिफोमर्स’ का उपयोग कर रहे हैं और दिल्ली जल बोर्ड इस समस्या से निपटने के लिए ‘डिफोमिंग’ अभियान चला रहा है। भले ही दूसरे हमारे प्रयासों को बाधित करने की कोशिश करें हम स्वच्छ यमुना की दिशा में काम करना जारी रखेंगे।’’ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि देर रात और सुबह के समय वायु की गुणवत्ता में काफी उतार-चढ़ाव होता है, ऐसा बसों के आने और जाने के कारण होता है।
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