बिहार : प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट से जमानत मिल गई है। आज सुबह ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। बता दें कि प्रशांत किशोर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर पटना के गांधी मैदान में बैठे हुए थे। जिसके बाद आज सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद पुलिस करीब 6 घंटे तक उन्हें यहां- वहां घुमाती रही। जिसके बाद उनका फतुहा में मेडिकल चेकअप कराया गया। फिर पुलिस ने उन्हें पटना के सिविल कोर्ट में पेश किया। वहीं अब उन्हें पटना सिविल कोर्ट ने राहत देते हुए जमानत दे दी है। बता दें कि प्रशांत किशोर को जमानत पीआर बॉन्ड पर मिली है।
वहीं जन सुराज ने प्रेस रिलीज जारी कर दावा किया कि पुलिस ने प्रशांत किशोर को जबरन उठाकर अस्पताल भेजा और उन्हें थप्पड़ भी मारा। इसके साथ ही एक समर्थक ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रशांत का चश्मा भी फेंक दिया। इस दौरान कुछ वीडियो भी सामने आए, जिनमें इन घटनाओं को लेकर हंगामा देखा गया।
जिला प्रशासन का बयान
वहीं जिला प्रशासन ने इस घटना पर अपनी सफाई देते हुए बताया कि जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर और उनके कुछ समर्थक गांधी मैदान के गांधी मूर्ति के पास धरना दे रहे थे, जो कि एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। प्रशासन ने इन लोगों को वहां से हटने के लिए नोटिस जारी किया था और उन्हें गांधी मैदान से हटकर निर्धारित स्थान, गर्दनीबाग, पर जाने के लिए कहा था। लेकिन प्रशासन के कई बार अनुरोध करने के बावजूद, धरना स्थल खाली नहीं किया गया। इसके बाद, प्रशासन ने कानून के तहत कार्रवाई करते हुए प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशांत किशोर पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया चल रही है।
जन सुराज पार्टी का बयान और आरोप
जन सुराज पार्टी ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस प्रशासन ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ले जाकर उनका अनशन तुड़वाने की कोशिश की। जब प्रशासन इसमें सफल नहीं हो सका, तो उसने प्रशांत किशोर को नई जगह पर ले जाने की कोशिश की। इस दौरान, एम्स के बाहर प्रशांत किशोर को देखने के लिए बड़ी भीड़ जमा हो गई थी, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जन सुराज पार्टी ने इसे बर्बरता और पुलिस की अत्यधिक कार्रवाई के रूप में आरोपित किया।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और उनके अनशन के मामले में उठ रहे आरोप इस समय बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बने हुए हैं। जन सुराज पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों और प्रशासन के बयान के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां प्रशासन का कहना है कि वे कानून के तहत कार्रवाई कर रहे थे, वहीं जन सुराज पार्टी इस कार्रवाई को गलत और बर्बर मानती है।