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कांग्रेस से सस्पेंड परनीत कौर ने कारण बताओ नोटिस का दिया जवाब, कहा-जो करना हो कर लो

पटियाला से कांग्रेस की बागी सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर ने कांग्रेस के अनुशासन समिति द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दे दिया है। परनीत कौर ने दो टूक लहजे में कहा है कि कांग्रेस पार्टी जो भी कार्रवाई करना चाहती है वह उसके लिए स्वतंत्र है। परनीत कौर ने नोटिस के जवाब में भेजे गए अपने पत्र में कांग्रेस के अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर उनका इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि किस तरह से हो 1999 में तत्कालीन कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाते हुए पार्टी से बगावत करते हुए बाहर निकल गए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो 20 साल तक पार्टी से बाहर रहे हैं वह आज उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे हैं।

कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने हाल ही में पटियाला से कांग्रेस की सांसद परनीत कौर को पार्टी से निलंबित करते हुए नोटिस भेजकर 3 दिनों के अंदर जवाब देने का समय दिया था। आज जवाब देने का आखिरी दिन था। परनीत कौर के खिलाफ कम पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा बरार और कई वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की थी कि वह बीजेपी के नेताओं से मुलाकात करती हैं और पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल है। इन शिकायतों को आधार बनाते हुए कांग्रेस ने उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था। आज पंडित कौर ने अपना जवाब देते हुए पंजाब कांग्रेस के उन नेताओं को भी आड़े हाथों लिया जिन्होंने उनके खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की है। उनका कहना है की इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो उनके पति और तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के समय पार्टी व्रत विरोधी गतिविधि में शामिल थे जिसकी जानकारी वह आज भी अमरिंदर सिंह से ले सकते हैं। अपने खिलाफ बीजेपी नेताओं से मुलाकात के जवाब में परनीत कौर ने कहा की यह परंपरा रही है कि कोई भी सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए राज्य और केंद्र के मंत्री और मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करते हैं। उनकी प्राथमिकता भी उनकी संसदीय क्षेत्र पटियाला है जिसके विकास के लिए वह अक्सर बीजेपी के मंत्रियों से मुलाकात करती रहती है। आखरी में अपने पत्र में परनीत कौर ने कहां है की पार्टी उनके खिलाफ जो भी फैसला लेना चाहती है ले सकती है।

बहरहाल कांग्रेस के सामने भी चुनौती यह है कि अगर वह निलंबन से आगे पंडित को और को पार्टी से निष्कासित करती है तो उनकी संसद की सदस्यता बची रह जाएगी। इसलिए सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता के दखल देने के बाद पढ़ने और को फिलहाल पार्टी निष्कासित नहीं करेगी। पार्टी इस बात का इंतजार करेगी कि अगर वह बीजेपी में शामिल होती है तो खुद उनकी सदस्यता रद्द हो जाए।

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