नेशनल डेस्क : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए देशवासियों को बधाई दी। उनके संबोधन में कई महत्वपूर्ण बिंदु थे, जिन्हें उन्होंने खासतौर पर देश की प्रगति और स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में उठाया। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
भारत के प्राचीन ज्ञान और विवेक की धारा
दरअसल, राष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत के प्राचीन ज्ञान और विवेक के महत्व को रेखांकित करते हुए की। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक था, जिसे ज्ञान और विवेक का उद्गम स्थल माना जाता था। हालांकि, समय के साथ भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा, जब विदेशी शासन के कारण देश का शोषण हुआ।
स्वाधीनता संग्रामियों को श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस के इस विशेष मौके पर उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने भारत को विदेशी शासन से मुक्त करने के लिए अपनी जान की आहुति दी। वे सभी वीर हमारी स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। इस मौके पर राष्ट्रपति ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का भी उल्लेख किया, जो एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका योगदान अब राष्ट्रीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान पा रहा है। वहीं राष्ट्रपति ने आगे कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता केवल सैद्धांतिक विचार नहीं हैं, जिन्हें हम आधुनिक युग में समझते हैं। ये सभी जीवन के मूलभूत मूल्य रहे हैं, जो हमारी सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। भारतीय समाज में ये मूलभूत मूल्य सदा से प्रतिष्ठित रहे हैं।
संविधान की भूमिका
इसके साथ ही राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान की अहम भूमिका को रेखांकित किया, जो हमारे गणतंत्र के मूल्यों का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि संविधान सभा के द्वारा रचित भारतीय संविधान ने हमारे देश को सही दिशा में प्रगति करने का मार्ग दिखाया। पिछले 75 वर्षों से संविधान के मार्गदर्शन में भारत ने अपनी समग्र प्रगति की दिशा तय की है और यह समृद्धि का प्रतीक बना है।
युवा गणतंत्र की 75 वर्षों की प्रगति
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि संविधान लागू होने के बाद से 75 वर्षों में हमारा गणतंत्र न केवल मजबूत हुआ है, बल्कि इसने हर क्षेत्र में प्रगति की है। यह 75 साल हमारे युवा गणतंत्र के विकास और समृद्धि का साक्षी हैं। राष्ट्रपति के इस संबोधन में भारतीय सभ्यता, स्वतंत्रता संग्राम, और संविधान के महत्व को बड़े सुंदर तरीके से व्यक्त किया गया। उन्होंने देशवासियों से यह अपील की कि वे इन मूल्यों को आगे बढ़ाते हुए अपने देश को और मजबूत बनाएं।