जालंधर : जालंधर के CJS पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल की तरफ से एक फरमान जारी हुआ था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। मिली जानकारी के अनुसार, CJS पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ने स्कूल में बच्चाें काे आदेश जारी किया था कि जिसमें उन्हाेंने कहा कि आपके बच्चे की सुरक्षा के उद्देश्य से छात्रों को किसी भी प्रकार के आभूषण (सोना, चांदी, किसी भी धातु) आइटम चेन, बालियां, अंगूठी, कंगन और कड़ा पहनने की अनुमति नहीं है। इस आदेश काे बच्चाें काे फाेन पर मैसज भेजा गया था और साथ ही बच्चाें की स्कूल डायरी में भी लिख कर भेजा गया था, जिसके बाद बच्चों के अभिभावकों में काफी रोष पाया गया।
इस बात की खबर जैसे ही सिख तालमेल कमेटी काे लगी, ताे उसके सदस्य CJS पब्लिक स्कूल में पहुंच गए। जब सभी सदस्यों ने स्कूल जाकर बच्चों से बात की तो बच्चों ने बताया कि उन पर 500 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है। बच्चों ने सदस्यों को बताया कि प्रबंधन ने एक बड़ा बोर्ड बनाया है, जहां बच्चों के कड़ा लटकाए जाते हैं, जिसे समिति सदस्यों ने खुद देखा।
सिख तालमेल कमेटी के सदस्य हरप्रीत सिंह नीटू ने कहा कि CJS पब्लिक स्कूल ने बच्चाें काे ‘कड़ा’ पहनने पर पाबंदी लगा दी हैं, जिसका हमने विराेध किया हैं। उन्हाेंने कहा कि स्कूल ने बच्चाें काे कड़ा पहनने से मना कर दिया हैं। बच्चाें काे काेई भी कड़ा स्कूल में नहीं पहन सकते हैं।
इस के बाद स्कूल प्रिंसिपल ने हाथ जोड़कर अपनी गलती के लिए माफी मांगी और जीवन में कभी ऐसी गलती नहीं करने का वादा किया। इसके बाद स्कूल प्रबंधक ने प्रिंसिपल काे पद से हटा दिया और उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया। वहीं स्कूल प्रबंधन के सिख तालमेल कमेटी और पूरे सिख जगत से माफी मांगी और आगे से सिख भावनाओं का पूरा सम्मान करने का आश्वासन दिया।