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Punjab Police ने मार्च से पहले Shambhu में किसान नेताओं के साथ की बैठक 

Punjab Police

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Punjab Police : पंजाब पुलिस ने दिल्ली कूच से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को शंभू सीमा पर किसान नेताओं के साथ बैठक की हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और अपनी कई अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक पैदल मार्च करेंगे। पटियाला संभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह ने बृहस्पतिवार को किसान नेताओं सरवन सिंह पंधेर एवं सुरजीत सिंह फूल से मुलाकात की हैं।
सिद्धू ने कहा कि किसान नेताओं ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से मार्च करेंगे और इसमें ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर नहीं ले जाएंगे। उन्होंने कहा, कि ‘वे पैदल जाएंगे।’ किसान 13 फरवरी से पंजाब एवं हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं । इससे पहले सुरक्षा बलों ने किसानों के दिल्ली मार्च को रोक दिया गया था। हरियाणा में अंबाला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से अपने मार्च पर पुर्निवचार करने का अग्रह करते हुये उन्हें दिल्ली पुलिस से अनुमति मिलने के बाद ही किसी भी कार्रवाई पर विचार करने को कहा था।
स्थानीय प्रशासन ने पहले ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी है, जिससे जिले में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और शंभू सीमा के पास विरोध स्थल पर नोटिस जारी किए गए हैं। पंधेर समेत दो किसान नेताओं के पंजाब स्थित घरों पर भी नोटिस भेजे गए हैं।पहले यह घोषणा की गई थी कि किसानों के पहले जत्थे का नेतृत्व सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह करेंगे। 21 फरवरी को खनौरी सीमा पर झड़प के दौरान पंजाब के किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी, जब प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश की थी। सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले भी दागे थे।
एमएसपी के अलावा, किसान कृषि ऋण माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की मांग कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी दो मांगें हैं।
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