नई दिल्ली : पाकिस्तान के इतिहास में एक हिंदू समुदाय के लड़के ने चार चांद लगा दिए है। पाकिस्तान में पहली बार हिंदू समुदाय का कोई शख्स पुलिस अफसर बना है। इस शख्स का नाम राजेंद्र मेघवार है। जिन्होंने अपनी लगन और कड़ी मेहनत के दम पर आज यह मुकाम हासिल किया है। इन्होंने शुक्रवार, 6 दिसंबर को फैसलाबाद के गुलबर्ग इलाके में ASP (असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस) का पद संभाला। वहीं पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को राजेंद्र मेघवार पर काफी गर्व हो रहा है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से…
कौन हैं राजेंद्र मेघवार ?
दरअसल, राजेंद्र मेघवार पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के एक ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखते हैं। वह अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से आते हैं। राजेंद्र ने कठिन परिस्थितियों और कई बाधाओं को पार करते हुए अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की। उन्होंने पाकिस्तान की प्रतिष्ठित सिविल सर्विस परीक्षा (CSS) पास कर यह मुकाम पाया। उनकी उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए गर्व की बात है।
पुलिस विभाग में पहली बार हिंदू बना अधिकारी
आपको बता दें कि पाकिस्तान पुलिस के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी हिंदू अधिकारी को इतना महत्वपूर्ण पद दिया गया है। राजेंद्र मेघवार की नियुक्ति को पुलिस बल और समाज में सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। फैसलाबाद के पुलिस अधिकारियों का मानना है कि राजेंद्र की नियुक्ति से न केवल कानून और व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय का पुलिस पर भरोसा भी बढ़ेगा।
अल्पसंख्यक समुदाय के लिए प्रेरणा
वहीं राजेंद्र मेघवार की सफलता को अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उनकी उपस्थिति से अल्पसंख्यकों के साथ संबंध मजबूत होंगे। यह नियुक्ति एक संकेत है कि समाज में बदलाव की दिशा में प्रयास हो रहे हैं।
रूपमती ने भी पास की सिविल सर्विस परीक्षा
हालांकि, राजेंद्र मेघवार की सफलता के साथ ही, रूपमती नाम की एक और अल्पसंख्यक महिला ने पाकिस्तान की सिविल सर्विस परीक्षा पास की है। वह रहीम यार खान की निवासी हैं और विदेश मंत्रालय में काम करने के लिए तैयार हैं। उनकी सफलता ने अल्पसंख्यक समुदाय को एक और गर्व का क्षण दिया है।
राजेंद्र मेघवार की यह ऐतिहासिक नियुक्ति और रूपमती की सफलता यह दिखाती है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से हर बाधा को पार किया जा सकता है। उनकी उपलब्धियां न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि पाकिस्तान में सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी हैं।