पंजाब : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार), पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) पंजाब में टमाटर उत्पादन और पेस्ट निर्माण बढ़ाने के लिए संयुक्त चर्चा करने जा रहे हैं। राजपुरा में हिंदुस्तान यूनिलीवर प्लांट के अपने दौरे के दौरान, केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री, रवनीत सिंह बिट्टू ने इन हितधारकों के बीच सहयोग पर जोर दिया ताकि पंजाब के किसान अंतरराष्ट्रीय स्तर के टमाटर उगा सकें और बाद में टमाटर का पेस्ट बना सकें।
राजपुरा स्थित एचयूएल प्लांट को केचप उत्पादन के लिए सालाना 11,423 मीट्रिक टन टमाटर पेस्ट की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान में पंजाब से केवल 50 मीट्रिक टन टमाटर पेस्ट की आपूर्ति होती है। मंत्री सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार हाइब्रिड टमाटर बीज विकसित करने के लिए पीएयू लुधियाना को शामिल करने का प्रस्ताव रखा ताकि पंजाब के किसान टमाटर की खेती कर सकें। उन्होंने कहा, “आज कंपनियां पूरे भारत से पेस्ट खरीद रही हैं, जबकि पंजाब कुल आवश्यकता का केवल 2% ही आपूर्ति कर रहा है।” यदि किसानों को उचित मूल्य मिलने का भरोसा है तो वे पंजाब में टमाटर क्यों नहीं उगा सकते? उन्होंने कहा, “यह राज्य पहले से ही भारत में सर्वोत्तम रंगीन गुणवत्ता वाले टमाटर का उत्पादन करता है, जिसकी पुष्टि एचयूएल राजपुरा द्वारा भी की गई है।”
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने एचयूएल प्रबंधन से स्थानीय खरीद बढ़ाने का आग्रह किया ताकि पंजाब के किसान इस सुविधा का लाभ उठा सकें। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार पंजाब के किसानों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। सिंह ने आगे सवाल किया, “यदि महाराष्ट्र इतनी बड़ी मात्रा में टमाटर पेस्ट का उत्पादन कर सकता है, तो पंजाब क्यों नहीं?”
इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंत्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब में किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि उचित मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य टमाटर उत्पादन और प्रसंस्करण में अग्रणी बन सकता है। मंत्री सिंह के साथ डॉ. प्रीति यादव (डिप्टी कमिश्नर, पटियाला), डा. नानक सिंह (एसएसपी पटियाला), श्री. अविकेश गुप्ता एसडीएम राजपुरा, डा. जेपी डोंगरे (उप कृषि विपणन, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय), श्री. देब नाथ गुहा (साइट निदेशक, एचयूएल), श्री. राकेश झा (प्रौद्योगिकी प्रमुख, एचयूएल) और चरणजीत सिंह (प्लांट मैनेजर, एचयूएल) भी उपस्थित थे।