बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने रविवार को अपनी सर्वोच्च निर्णायक संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में विश्व शांति और समृद्धि के लिए ‘‘सौहार्दपूर्ण और संगठित हिंदू समाज’’ के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया। रविवार को संपन्न हुई तीन दिवसीय बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, भाजपा महासचिव बी एल संतोष और आरएसएस से संबद्ध 32 संगठनों के प्रमुखों ने भाग लिया।
आरएसएस ने अपने प्रस्ताव में कहा कि भारत एक प्राचीन संस्कृति है, जिसकी समृद्ध परंपराएं हैं और इसमें सामंजस्यपूर्ण विश्व बनाने के लिए भरपूर ज्ञन है। आरएसएस ने कहा, ‘‘हमारा विचार संपूर्ण मानवता को विभाजनकारी और आत्म-विनाशकारी प्रवृत्तियों से बचाता है तथा सभी प्राणियों के बीच शांति और एकता की भावना सुनिश्चित करता है।’’ प्रस्ताव में कहा गया कि हिंदू समाज अपने वैश्विक उत्तरदायित्व को केवल धर्म पर आधारित आत्मविश्वास से परिपूर्ण संगठित एवं सामूहिक जीवन के आधार पर ही प्रभावी ढंग से पूरा कर सकेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम सभी प्रकार के भेदभावों को खारिज करते हुए सामंजस्यपूर्ण प्रथाओं का पालन करते हुए एक आदर्श समाज का निर्माण करने का संकल्प लें, पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली पर आधारित मूल्य आधारित परिवार और आत्मसम्मान से परिपूर्ण नागरिक कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता रखें।’’
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘यह संकल्प हमें एक मजबूत राष्ट्रीय जीवन का निर्माण करने, भौतिक रूप से समृद्ध और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण होने, चुनौतियों को कम करने और समाज की सभी समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाएगा।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा सभी स्वयंसेवकों से आह्वान करती है कि वे सज्जन शक्ति के नेतृत्व में पूरे समाज को एक साथ लेकर विश्व के समक्ष सामंजस्यपूर्ण और संगठित भारत का आदर्श प्रस्तुत करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध करें।’’ संघ ने उल्लाल की रानी अबक्का को उनकी 500वीं जयंती पर श्रद्धांजलि भी दी। रानी ने पुर्तगाली आक्रमण के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।