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नागपुर में RSS का विजयादशमी उत्सव: Kolkata RG Kar Hospital में जो हुआ वह लज्जित करने वाला: मोहन भागवत

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव नागपुर में धूमधाम के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन किया। कार्यक्रम में इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। शनिवार सुबह 6:15 बजे नागपुर के स्वयंसेवकों ने पारंपरिक पथ संचलन (रूट मार्च) में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान आरएसएस बैंड ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। नागपुर में सुबह से ही बारिश होने के बावजूद स्वयंसेवकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। तमाम स्वयंसेवकों ने धैर्यपूर्वक और पूरे जोश के साथ समारोह में भाग लिया। इसके अलावा, आरएसएस कार्यालय पर संघ का ध्वजारोहण भी किया गया। मोहन भागवत ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को विजयादशमी की हार्दकि शुभकामनाएं दीं और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया। आरएसएस का यह उत्सव हर साल की तरह इस बार भी सांस्कृतिक और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया।

उत्सव में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज का भी जिक्र किया। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि द्रौपदी के वस्त्र का हरण हुआ, तो महाभारत जैसे युद्ध हो गया। सीता हरण हुआ, तो रामायण हो गया। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वह लज्जित करने वाला हो गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था, होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वह अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है।

आरएसएस चीफ मोहन भागवत इस अवसर पर स्वयंसेवकों को संबोधित भी करेंगे। हर बार की तरह इस बार भी सबकी नजर इस पर टिकी होगी क्योंकि मंच से जो सर संघचालक कहते हैं उसमें संगठन के भविष्य की रणनीति का संकेत छिपा होता है। वहीं, भाजपा के तमाम दिग्गजों ने इस दिवस पर भी भावनाएं व्यक्त की हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा है, अनुशासन और देशभक्ति के अद्वितीय प्रतीक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी स्वयंसेवकों को स्थापना दिवस की हार्दकि शुभकामनाएं। अपनी स्थापना से ही भारतीय संस्कृति की रक्षा व युवाओं को संगठित कर उनमें राष्ट्रभक्ति के विचारों को सींचने का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। एक ओर आरएसएस समाज सेवा के कार्यों को गति देकर हर वर्ग को सशक्त बना रहा है, तो दूसरी ओर शैक्षणिक प्रयासों से देशहित के प्रति समर्पति देशभक्तों का निर्माण कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि आज आरएसएस की स्थापना के 99 साल पूरे हो रहे हैं। साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना हुई थी, इसलिए विजयदशमी आरएसएस के लिए कई मायनों में अहम है। डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार ने 1925 में विजयादशी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी। आज दुनिया भर के कई देशों में आरएसएस की शाखा लगती है। आरएसएस के 99 साल के सफर में तीन बार संगठन पर बैन भी लग चुका है।

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