Sambhal Shiv Temple ; उत्तर प्रदेश । उत्तर प्रदेश के संभल जिले के खग्गू सराय में स्थित एक पुराना शिव मंदिर 46 साल बाद फिर से खुला है। इस मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई के दौरान तीन और खंडित मूर्तियां मिली हैं, जिससे क्षेत्र में नई हलचल मच गई है। फिलहाल, पुलिस ने इन मूर्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच की जा रही है। सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
मंदिर के पास कुएं से मिलीं खंडित मूर्तियां
संभल के खग्गू सराय इलाके में स्थित मंदिर के पास एक कुआं है, जिसमें हाल ही में खुदाई की गई। लगभग 15-20 फीट की खुदाई के दौरान इस कुएं से तीन खंडित मूर्तियां मिलीं। ये मूर्तियां माता पार्वती, गणेश जी और लक्ष्मी जी की प्रतीत हो रही हैं और लगभग 7 से 8 इंच लंबी हैं। ये मूर्तियां अब जांच के लिए पुलिस के पास हैं।
People are offering prayers in the newly opened temple of Sambhal❤️ pic.twitter.com/82Ek9Ohz3j
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) December 14, 2024
46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा की शुरुआत
संभल जिले के खग्गू सराय इलाके में स्थित शिव मंदिर को शनिवार को प्रशासन ने फिर से खोला। यह मंदिर पिछले 46 साल से बंद था। मंदिर के खोले जाने के बाद, वहां पूजा-अर्चना की शुरुआत हुई और भक्तों की भीड़ जुटने लगी। पुलिस प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं। इसके अलावा, मंदिर के पास स्थित कुएं की भी खुदाई करवाई गई, जहां से ये मूर्तियां निकलीं।
खुदाई के दौरान मिलीं मूर्तियां और प्रशासन का बयान
खुदाई के दौरान मिलीं इन मूर्तियों को देखने के लिए एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र और सीओ अनुज चौधरी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि इन मूर्तियों को अब जांच के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
#WATCH | Uttar Pradesh: Three idols recovered from the well near Shiv-Hanuman Temple in Sambhal that was reopened on December 14, reportedly for the first time after 1978. pic.twitter.com/lAF8L0iG6Y
— ANI (@ANI) December 16, 2024
प्राचीन हिंदू मंदिर के अवशेष और प्रशासन की कार्रवाई
संभल में हाल ही में बिजली चोरी रोकने के लिए आई पुलिस टीम को एक प्राचीन हिंदू मंदिर का पता चला। इसके बाद, प्रशासन ने मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई शुरू की, जिससे देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलीं। प्रशासन इन मूर्तियों और मंदिर के अन्य अवशेषों की कार्बन डेटिंग कराने की योजना बना रहा है। इस जांच के जरिए प्रशासन यह जानने की कोशिश करेगा कि मंदिर और उसकी मूर्तियां कितनी पुरानी हैं।
1978 के सांप्रदायिक दंगों से बंद पड़ा था मंदिर
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मंदिर 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद बंद हो गया था। तब इलाके के हिंदू समुदाय को हिंसा और दंगों के कारण अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। इसी कारण मंदिर भी बंद हो गया था। नगर हिंदू महासभा के संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगी ने बताया कि यह मंदिर उनके कुलगुरु को समर्पित था और 1978 के बाद से यह बंद पड़ा था।
मंदिर का उद्घाटन और सुरक्षा इंतजाम
संभल जिले के डीएम और एसपी ने मंदिर के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मंदिर के अंदर हनुमान जी की मूर्ति, शिवलिंग और नंदी स्थापित हैं। प्रशासन ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। साथ ही, यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस टीम तैनात की गई है।
मंदिर की कार्बन डेटिंग और भविष्य की योजनाएं
संभल जिले के प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखकर मंदिर और वहां मिलने वाले अवशेषों की कार्बन डेटिंग करने की योजना बनाई है। इस डेटिंग से यह पता चल सकेगा कि मंदिर और उसकी मूर्तियां कितनी पुरानी हैं। इसके अलावा, प्रशासन इस मंदिर को एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के रूप में पुनर्जीवित करने की दिशा में भी कदम उठा रहा है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Name of the Shiv-Hanuman Temple being painted outside the temple in Sambhal, along with ‘Om Namah Shivaya’ and ‘Har Har Mahadeva’ slogans.
The temple was reopened, reportedly after 1978, during an anti-encroachment drive carried out by district police… pic.twitter.com/HQ3OcfwIOT
— ANI (@ANI) December 16, 2024
स्थानीय समुदाय में उत्साह
मंदिर के पुनः उद्घाटन के बाद, स्थानीय हिंदू समुदाय में उत्साह का माहौल है। मंदिर के पास महिलाओं ने ढोलक की थाप पर भजन-कीर्तन शुरू कर दिया है। वे भगवान शिव के भजनों का गायन कर रही हैं, जिससे पूरे इलाके में धार्मिक माहौल बन गया है।
संभल में 46 साल बाद खुले इस मंदिर और वहां से मिली मूर्तियों ने न केवल क्षेत्र में धार्मिक उल्लास फैलाया है, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम है। अब, प्रशासन इस मंदिर और उसकी मूर्तियों के इतिहास को जानने के लिए जांच प्रक्रिया जारी रखेगा।