नेशनल डेस्क : पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में ममता बनर्जी की सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द कर दी है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से..
सुप्रीम कोर्ट से CM ममता को बड़ा झटका
आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया “दूषित” और “धोखाधड़ी” से भरी हुई थी। इसलिए हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा गया है।
- नौकरी रद्द: 25,000 शिक्षक और स्कूल कर्मचारी
- भर्ती में गड़बड़ी: धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप
राज्य सरकार की याचिका और SC की सुनवाई
पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में सरकार ने नियुक्तियों को कानूनी और वैध बताया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
- हाई कोर्ट का आदेश (2016): भ्रष्टाचार के चलते भर्ती रद्द
- सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: 123 अन्य याचिकाओं पर भी विचार
मुख्य बातें: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से
- भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार: कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता खत्म हो गई है।
- नौकरी रद्द करना अनिवार्य: दागी उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी और उन्हें वेतन वापस करना होगा।
- सीबीआई जांच जारी रहेगी: भ्रष्टाचार की पूरी जांच होनी चाहिए।
नई चयन प्रक्रिया के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि नई चयन प्रक्रिया तीन महीनों के भीतर पूरी होनी चाहिए।
- दिव्यांग उम्मीदवार: मानवीय आधार पर जारी रहेंगे।
- अन्य दिव्यांग उम्मीदवार: उचित छूट के साथ नई प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
- बेदाग उम्मीदवारों को छूट: कुछ उम्मीदवारों को विशेष छूट दी जा सकती है।
राजनीतिक प्रभाव
यह फैसला ममता बनर्जी की सरकार के लिए राजनीतिक रूप से बड़ी परेशानी बन सकता है, क्योंकि इससे सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ेगा। विपक्ष ने इसे सरकार की भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का प्रमाण बताया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार को नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी। इस फैसले के चलते 25,000 शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी, और राज्य सरकार को इसकी कानूनी और राजनीतिक स्थिति को संभालना होगा।