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PM मोदी के सहयोगी बने शक्तिकांत दास… जानिए Principal Secretary के रूप में क्या होगा काम-काज

नेशनल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को 22 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी का प्रधान सचिव (Principal Secretary) नियुक्त किया गया है। प्रधान सचिव (Principal Secretary) को प्रधानमंत्री का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी माना जाता है। यह व्यक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का प्रशासनिक प्रमुख होता है। 1972 बैच के रिटायर्ड IAS.

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नेशनल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को 22 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी का प्रधान सचिव (Principal Secretary) नियुक्त किया गया है। प्रधान सचिव (Principal Secretary) को प्रधानमंत्री का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी माना जाता है। यह व्यक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का प्रशासनिक प्रमुख होता है। 1972 बैच के रिटायर्ड IAS अधिकारी प्रमोद कुमार मिश्रा प्रधान सचिव के रूप में 19 सितंबर 2019 से इस पद पर हैं। शक्तिकांत दास अब इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

मुख्य काम प्रधानमंत्री को सलाह देना…

प्रधान सचिव का मुख्य काम प्रधानमंत्री को सलाह देना, नीति निर्माण में मदद करना और प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करना होता है। इसके अलावा, प्रधान सचिव को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय बनाना, प्रधानमंत्री के सामने महत्वपूर्ण आदेश रखना और पीएमओ के संचालन का जिम्मा भी सौंपा जाता है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सलाह देते हैं और चर्चा करने के लिए नोट्स तैयार करते हैं।

शक्तिकांत दास कौन हैं?

शक्तिकांत दास, जिन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है, एक अनुभवी IAS अधिकारी हैं। यह पद पहली बार बनाया गया है और इसकी अधिसूचना कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 22 फरवरी को जारी की थी। शक्तिकांत दास ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में 1980 में तमिलनाडु कैडर से अपनी सेवा शुरू की थी। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने 2014 में उर्वरक सचिव के रूप में काम किया और फिर वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बने। 2015 में उन्हें आर्थिक मामलों का सचिव नियुक्त किया गया, और 2017 में अपने सेवानिवृत्त होने तक उन्होंने इस पद पर कार्य किया।

RBI गवर्नर के रूप में कार्यकाल

शक्तिकांत दास ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में 2018 से दिसंबर 2024 तक कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई आर्थिक और वित्तीय संकटों का सामना किया। उन्होंने 8 केंद्रीय बजट की तैयारी में सीधे तौर पर योगदान दिया और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया, जैसे IMF, G-20, BRICS और SAARC।

चुनौतियाँ और उपलब्धियाँ

आरबीआई गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने कई बड़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना किया, जैसे IL&FS का पतन, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) का संकट, कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि। इसके अलावा, दास ने 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर करने की प्रक्रिया की निगरानी की। उन्होंने देश के कार्ड भुगतान नेटवर्क यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और RuPay को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए भी काम किया। हालांकि, उच्च खाद्य मुद्रास्फीति एक बड़ी चुनौती रही।

केंद्र सरकार में शक्तिकांत दास की भूमिका

अब, शक्तिकांत दास प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में एक नई भूमिका में दिखाई देंगे। उनकी नियुक्ति यह दिखाती है कि उनका प्रशासनिक और वित्तीय क्षेत्र में गहरा अनुभव है। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान मौद्रिक और राजकोषीय नीति के क्षेत्र में जो अनुभव प्राप्त किया है, वह उन्हें इस नए पद में सफलता पाने में मदद करेगा।

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