नेशनल डेस्क : टीम इंडिया के नवनिर्वाचित वनडे उप-कप्तान शुभमन गिल के लिए रणजी ट्रॉफी में एक बुरी खबर सामने आई है। गिल, जिन्होंने इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था, अब घरेलू क्रिकेट में पंजाब की कप्तानी कर रहे हैं। लेकिन उनकी कप्तानी में पंजाब की टीम कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के एक मैच में महज 55 रनों पर ढेर हो गई। यह पंजाब के रणजी इतिहास में पिछले 46 सालों का दूसरा सबसे छोटा स्कोर है। इससे पहले, 1978 में पंजाब की टीम हरियाणा के खिलाफ सिर्फ 42 रनों पर आउट हुई थी। गिल के लिए यह एक कड़ी चुनौती साबित हो सकती है, और टीम को इस शर्मनाक प्रदर्शन से उबरने के लिए और मेहनत करने की आवश्यकता होगी।
इतिहास में तीसरा सबसे छोटा स्कोर
आपको बता दें कि पंजाब का यह स्कोर 1978 में हरियाणा के खिलाफ 42 रनों के बाद का दूसरा सबसे छोटा स्कोर है। इस साल कर्नाटक के खिलाफ पंजाब ने 55 रनों पर ही अपनी पूरी टीम को खो दिया। इससे पहले 2012 में पंजाब ने मुंबई के खिलाफ 59 रनों पर ऑलआउट होने का शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया था।
पंजाब के 3 सबसे छोटे स्कोर
- 42 रन – बनाम हरियाणा (1978)
- 55 रन – बनाम कर्नाटक (2025)
- 59 रन – बनाम मुंबई (2012)
कर्नाटक के खिलाफ पूरी टीम महज…
23 जनवरी 2025 से बेंगलुरु में कर्नाटक और पंजाब के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के ग्रुप सी मुकाबले में पंजाब की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पंजाब की पूरी टीम महज 55 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस शर्मनाक प्रदर्शन में सिर्फ दो बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा छू सके। रमनदीप सिंह ने 16 रन बनाए, जबकि मयंक मार्कंडे ने 12 रन बनाए।
कर्नाटक के गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन
वहीं कर्नाटक के गेंदबाजों ने पंजाब को ढेर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वासुकी कौशिक सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 11 ओवर में महज 16 रन देकर 4 विकेट झटके। इसके अलावा अभिलाष शेट्टी ने 3, प्रसिद्ध कृष्णा ने 2 और यशोवर्धन परंतप ने 1 विकेट लिया। यह मैच पंजाब के लिए एक बुरा दिन साबित हुआ, और गिल के नेतृत्व में टीम के लिए यह एक बड़ा धक्का है। ऐसे शर्मनाक प्रदर्शन के बाद पंजाब की टीम को आने वाले मैचों में अपनी बल्लेबाजी में सुधार की जरूरत होगी।