लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में मंगलवार को कहा कि महिला अपराधों से जुड़े मामलों में ज्यादातर सपा के ही लोग लिप्त पाये गये हैं। योगी ने जोर देकर कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर स्वयं समाजवादी ही गंभीर खतरा हैं। उप्र विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में सदन के नेता योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्य डॉक्टर रागिनी सोनकर के तारांकित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। डॉक्टर सोनकर ने प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के यौन शोषण के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की योजना के बारे में प्रश्न किया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। इसी गंभीरता का परिणाम है कि महिला और बाल अपराध से जुड़े मामलों में लगातार कमी आ रही है। अपराधियों के मन में कार्रवाई का भय है।
मुख्यमंत्री ने 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद की चर्चा करते हुए कहा प्रदेश के अंदर सरकार आने के बाद सबसे पहले हमने शोहदों पर लगाम कसने के लिए जो कार्रवाई की, एंटी रोमियो स्क्वाड इसका एक उदाहरण है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा बताते हुए दुख होता है कि एंटी रोमियो स्क्वाड का जब गठन हुआ तब सबसे पहले इसका विरोध समाजवादी पार्टी ने ही किया था। योगी ने दो टूक कहा यह बोलने में भी कोई संकोच नहीं है कि महिला संबंधी अपराधों के मामलों में सीधे या परोक्ष रूप से समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग ही संलिप्त पाए जाते हैं। सपा संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव के एक बयान की ओर इशारा करते हुए योगी ने कहा महिला संबंधी अपराध में ये उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने कहा था कि लड़के हैं गलती हो जाती है। ये लोग सुरक्षा की बात क्या करेंगे। महिला सुरक्षा के लिए ये समाजवादी खुद ही एक गंभीर खतरा हैं।
नेता सदन ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह सचेत और सक्रिय है तथा प्रदेश में हर बेटी को और हर व्यापारी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सपा सदस्य के पूरक प्रश्नों के जवाब में योगी ने कहा महिला और बाल सुरक्षा से जुड़े मुद्दे दो प्रकार के होते हैं। एक घर के अंदर और दूसरा घर के बाहर। दोनों मुद्दों को ध्यान में रखकर सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने दावे के साथ कहा 2016 (सपा सरकार का कार्यकाल) से तुलना करें तो सभी तरह के मामलों में कमी देखने को मिलेगी। 2016 की तुलना में दहेज जैसी घटनाओं के बारे में देखें जिनमें 2023-24 के बीच में लगभग 17.5 प्रतिशत की कमी आई है।
2016 की तुलना में 2023-24 में बलात्कार की घटनाओं में 25.30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। योगी ने कहा 2017 से लेकर 2024 के बीच में जो नाबालिग बच्चे हैं, उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में प्रदेश सरकार ने अपने अभियोजन पक्ष को मजबूत किया है, जिसका परिणाम आज सबके सामने है। मुख्यमंत्री ने अदालतों से सजा दिए जाने की दर पर चर्चा करते हुए कहा कि इस दौरान 24 हजार 402 प्रकरणों में अभियुक्तों को अब तक सजा दिलाई जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि 2017-24 के बीच पॉक्सो अधिनियम में 9875 अभियोगों में सजा दिलाई गई है। 2022 से 2024 के मध्य महिलाओं के विरुद्ध पॉक्सो अपराध में 16,718 अभियुक्तों को सजा दी गई है, जिसमें 21 को मृत्युदंड, 17,013 को आजीवन कारावास, 4653 को दस वर्ष या उससे अधिक का कारावास और 10,331 को दस वर्ष से कम के कारावास की सजा दी गई है।