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खेल मंत्री मांडविया ने कहा, खेलो इंडिया तंत्र की देन है मनु भाकर

नई दिल्ली। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनी मनु भाकर सरकार के खेलो इंडिया अभियान के तंत्र की देन हैं। भाकर ने रविवार को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीत कर भारत का खाता खोला था। मांडविया ने पीटीआई से कहा,‘‘जब वह (खेलों से पहले) प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी से मिलीं, तो उन्होंने उन्हें बताया कि खेलो इंडिया की पहल ने उनके जैसे कई खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में मदद की है। आज खेलो इंडिया के माध्यम से कई खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं।’’ भाकर ने अपने करियर में विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक सहित कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। उन्होंने खेलो इंडिया खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता है।

मांडविया ने कहा,‘‘ खेलो इंडिया के दो महत्वपूर्ण हिस्से हैं, कीर्ति परियोजना के माध्यम से हम कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के बीच प्रतिभा की पहचान कर रहे हैं और उन्हें उचित माहौल, प्रशिक्षण, छात्रवास सुविधाएं दे रहे हैं और उनके खचरें का ख्याल रख रहे हैं।’’ मंत्री ने कहा कि एक बार पहचान हो जाने के बाद खिलाड़ियों को लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) में शामिल किया जाता है जिसके तहत उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के मौके और अच्छे कोच मुहैया कराए जाते हैं।
उन्होंने कहा,‘‘‘मनु भाकर को टॉप्स योजना के तहत जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अभ्यास के लिए भेजा गया जिससे कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके।’’ मंत्री ने खिलाड़ियों के साथ निजी कोच भेजे जाने के फैसले का भी बचाव किया।

मांडविया ने कहा,‘‘ पहले हमारे दल के सहयोगी स्टाफ और कोचों के पास खिलाड़ियों के साथ यात्र करने के लिए सीमित सुविधाएं थीं। इस बार हमने खिलाड़ियों के साथ उनके निजी कोच भेजने का फैसला किया। जब हमारे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो देश का मनोबल भी बढ़ता है और मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी देश को गौरवान्वित करेंगे।’’

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