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गर्मजोशी से स्वागत के लिए शुक्रिया, भारत-भूटान मित्रता नई ऊंचाइयां छूती रहे : PM मोदी

**EDS: IMAGE VIA PMO** Paro: Prime Minister Narendra Modi shakes hands with Bhutan Prime Minister Tshering Tobgay during a meeting, in Thimphu, Bhutan, Friday, March 22, 2024. (PTI Photo) (PTI03_22_2024_000104B)


थिम्पू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भूटान के लोगों द्वारा अपने सुंदर देश में उनका ‘‘यादगार स्वागत’’ करने के लिए वह आभारी हैं। साथ ही उन्होंने भारत-भूटान मित्रता के ‘‘नई ऊचांइयां छूते रहने की उम्मीद जताई। मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्र पर इस हिमालयी देश में पहुंचे हैं। उनकी यात्र का उद्देशय़ ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाना है। मोदी का पारो हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने उनकी अगवानी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान में गर्मजोशी से स्वागत के लिए आपका शुक्रिया प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे। भारत-भूटान मित्रता नई ऊंचाइयां छूती रहे।’’ पारो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थिम्पू तक के 45 किलोमीटर लंबे मार्ग को भारत और भूटान के झंडों से सजाया गया था और मार्ग के दोनों ओर खड़े भूटानी लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में, पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने भूटानी युवाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का देश में स्वागत करते हुए उनके द्वारा लिखे एक गरबा गीत पर नृत्य किया।

मोदी ने उन्हें नृत्य करते हुए देखा और प्रस्तुति के अंत में उनकी सराहना की। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं भूटान के लोगों खासतौर से युवा बच्चों का उनके खूबसूरत देश में यादगार स्वागत करने के लिए आभारी हूं।’’ उन्होंने भूटान के विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत करते हुए कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह यात्र भारत और भूटान के बीच नियमित रूप से होने वाली उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोस प्रथम की नीति’ पर जोर देने की कवायद के अनुरूप है।

भूटान के प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हिंदी में लिखा, ‘‘भूटान में आपका स्वागत है मेरे बड़े भाई।’’ इससे पहले मोदी ने भूटान की अपनी यात्र के बारे में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने कहा था, भूटान के रास्ते में हूं, जहां मैं भारत-भूटान साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देशय़ से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। मैं भूटान नरेश, भूटान के चौथे नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मुलाकात करने के लिए उत्साहित हूं।’’ यह यात्र 21 से 22 मार्च को होनी थी लेकिन भूटान में खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया गया था। इस यात्र के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे। वह भूटान के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भी बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि यह यात्र दोनों पक्षों को पारस्परिक हित के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए आपसी अनुकरणीय साझेदारी को विस्तारित एवं मजबूत करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगी।

बयान में कहा गया था कि भारत और भूटान के बीच आपसी विश्वास, समझ एवं सद्भावना पर आधारित एक अनूठी व स्थायी साझेदारी है। विदेश मंत्रलाय ने कहा, हमारी साझी आध्यात्मिक विरासत और दोनों देशों के लोगों के बीच मधुर संबंध हमारे असाधारण संबंधों में घनिष्ठता एवं जीवंतता का समावेश करते हैं। प्रधानमंत्री का पारंपरिक बौद्ध मठ तशिछो डोंग में भव्य स्वागत किया जाएगा। वह थिम्पू में भारत सरकार के सहयोग से निíमत आधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल ‘ज्ञल्तसुएन जेत्सुन पेमा मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल’ का भी उद्घाटन करेंगे। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे गत सप्ताह भारत की पांच दिवसीय यात्र पर गए थे। यह जनवरी में शीर्ष पद संभालने के बाद उनकी पहली विदेश यात्र थी। भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे। भारत-भूटान संबंधों की मूल रूपरेखा 1949 में दोनों देशों के बीच हुई मित्रता एवं सहयोग संधि रही है जिसमें फरवरी 2007 में संशोधन किया गया था।

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