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USA में ट्रंप के फैसले से गर्भवतियों में डर, अस्पतालों में बढ़ी भीड़… जानिए क्या है पूरा मामला

इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बड़े फैसले ने देश की गर्भवती महिलाओं में खलबली मचा दी है। अब अस्पतालों में गर्भवतियां समय से पहले डिलीवरी करवाने के लिए डॉक्टरों से अपील कर रही हैं। इस स्थिति से डॉक्टर भी चौंक गए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ है, जिसकी वजह से महिलाएं समय से पहले डिलीवरी करवाने के लिए तैयार हो रही हैं? ट्रंप के इस फैसले ने गर्भवतियों में क्या तनाव और चिंता बढ़ा दी है? आइए समझते हैं पूरा मामला।

ट्रंप ने किया नए पॉलिसी का ऐलान 

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में एक न्यू इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत यह ऐलान किया है कि अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को अब नागरिकता नहीं मिलेगी, अगर उनके माता-पिता अप्रवासी हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अब जो प्रवासी अमेरिका में आकर बस गए हैं या काम कर रहे हैं, उनके बच्चों को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी। इससे पहले अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी बच्चे को उसके माता-पिता की नागरिकता से फर्क नहीं पड़ता था, वह अमेरिकी नागरिकता प्राप्त कर लेता था। लेकिन अब ट्रंप ने यह नियम बदल दिया है।

20 फरवरी से लागू होगा नया कानून

ट्रंप का यह नया फैसला 20 फरवरी से प्रभावी होने जा रहा है, जिससे गर्भवती महिलाएं घबराई हुई हैं। क्योंकि इसके बाद अगर उनका बच्चा जन्म लेता है, तो वह अमेरिकी नागरिकता से वंचित रहेगा। इसी वजह से अब गर्भवती महिलाएं अस्पतालों में समय से पहले डिलीवरी करवाने की कोशिश कर रही हैं, ताकि उनका बच्चा 20 फरवरी से पहले पैदा हो और उसे नागरिकता मिल सके।

पूर्व डिलीवरी की बढ़ती मांग

आपको बता दें कि अब कई गर्भवती महिलाएं अस्पतालों में जाकर डॉक्टरों से अनुरोध कर रही हैं कि वे उनकी डिलीवरी पहले करवाएं, ताकि उनका बच्चा इस नियम के लागू होने से पहले जन्म ले सके। महिलाएं इस फैसले के बाद काफी चिंतित हैं और बच्चे के भविष्य को लेकर तनाव में हैं। डॉक्टरों के लिए यह स्थिति अजीब और चुनौतीपूर्ण बन गई है, क्योंकि समय से पहले डिलीवरी करवाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

महिलाओं में चिंता और तनाव

ट्रंप के इस फैसले ने अमेरिका की गर्भवती महिलाओं के मानसिक शांति को छीन लिया है। वे अब हर हाल में 20 फरवरी से पहले डिलीवरी करवाना चाहती हैं, ताकि उनका बच्चा अमेरिकी नागरिक बन सके। इस कदम ने अमेरिका में गर्भवती महिलाओं के बीच चिंता और तनाव को बढ़ा दिया है।

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