नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में दो हुर्रियत-संबंधी संगठनों द्वारा अलगाववाद से संबंध तोड़ने के फैसले की सराहना की। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “शांतिपूर्ण और एकजुट भारत” के दृष्टिकोण की एक महत्वपूर्ण जीत बताया।
कश्मीर में अब अलगाववाद का कोई स्थान नहीं
यह घटनाक्रम खासतौर पर अहम है क्योंकि इन दो संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से अपनी राह अलग करने की घोषणा की है। अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कश्मीर में अब अलगाववाद का कोई स्थान नहीं है। मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने कश्मीर से अलगाववाद को पूरी तरह खत्म कर दिया है। हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने भी अब अलगाववाद से अपने सभी रिश्ते तोड़ने का निर्णय लिया है।”
Separatism has become history in Kashmir.
The unifying policies of the Modi government have tossed separatism out of J&K. Two organizations associated with the Hurriyat have announced the severing of all ties with separatism.
I welcome this step towards strengthening Bharat’s…
— Amit Shah (@AmitShah) March 25, 2025
शाह ने किया इस कदम का स्वागत
शाह ने कहा कि वह इस कदम का स्वागत करते हैं और ऐसे सभी समूहों से अपील करते हैं कि वे आगे आएं और हमेशा के लिए अलगाववाद को त्याग दें। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो एक विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में परिवर्तन का संकेत
यह घटनाक्रम जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक परिवर्तन का संकेत भी दे रहा है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने अलगाववादी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें आतंकवाद विरोधी कानूनों का सख्त पालन और सामाजिक-आर्थिक सुधार शामिल हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव का संकेत है और इससे राज्य में एकीकरण और शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।