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जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया, हम संकल्प पत्र में किए वादे को पूरा करेंगे : Virendra Sachdeva

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम 8 फरवरी 2025 को घोषित किया गया। इस चुनाव में 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान हुआ था। चुनाव परिणाम के बाद भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी को झटका लगा। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने शानदार प्रदर्शन किया। भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जो कि पिछले चुनावों के मुकाबले बड़ी बढ़त है। इस जीत के बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने खुशी जाहिर की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को सराहा।

आम आदमी पार्टी की स्थिति

वहीं आम आदमी पार्टी (आप) को इस चुनाव में सिर्फ 22 सीटों पर ही सफलता मिली। आम आदमी पार्टी के लिए यह परिणाम निराशाजनक रहा, क्योंकि 2015 और 2020 के चुनावों में पार्टी को भारी जीत मिली थी। पार्टी को उम्मीद थी कि इस बार भी वह अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कांग्रेस की स्थिति इस बार भी बहुत कमजोर रही। कांग्रेस इस चुनाव में कोई भी सीट नहीं जीत सकी और उसका खाता भी नहीं खुला। दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन पहले से ही कमजोर था, और अब भी वही स्थिति बनी रही।

वीरेंद्र सचदेवा का बयान

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस जीत के बाद एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाएगा। उनका कहना था कि अब दिल्ली को एक विकसित राजधानी बनाया जाएगा। वीरेंद्र सचदेवा ने INDI गठबंधन को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि INDI गठबंधन अब कोई मायने नहीं रखता, यह सिर्फ स्वार्थी लोगों का समूह बनकर रह गया है। उनके अनुसार इस गठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं बचा है।

आतिशी को आत्मचिंतन करने की सलाह

सचदेवा ने आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी को भी नसीहत दी कि उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी के बड़े नेता चुनाव हार गए हैं, तो उन्हें सोचना चाहिए कि किस बात का जश्न मनाना है। इस चुनाव ने दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव की उम्मीद को हवा दी है। भाजपा ने अपनी रणनीति को सही तरीके से लागू किया और दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत की। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को अब अपनी नीतियों और रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

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