नेशनल डेस्क : विपक्ष के विरोध के बावजूद, वक्फ संशोधन बिल पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से पारित हो गया। शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बिल को मंजूरी दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया। इसके साथ ही सरकार ने नए वक्फ कानून का गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया। अब यह देखना अहम है कि यह कानून कब लागू होगा, क्योंकि केंद्र सरकार इसे लागू करने की तारीख के लिए अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध
आपको बता दें कि कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (AAP) ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर दी हैं। इसके अलावा, देशभर में कई मुस्लिम संगठन इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोकना है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB का विरोध
शनिवार की शाम को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ बिल के विरोध में एक दो पेज का पत्र जारी किया। इस पत्र में बोर्ड ने कहा कि वे सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर इस बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाएंगे। उनका कहना है कि यह बिल इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान के मूलभूत ढांचे पर हमला है।
SC में पहुंचा मामला
वक्फ संशोधन बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल के खिलाफ याचिकाएं दायर की थीं। कांग्रेस के जयराम रमेश ने भी कहा कि उनकी पार्टी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाएगी, जबकि तमिलनाडु की डीएमके ने भी इस बिल के खिलाफ याचिका दायर करने का ऐलान किया था।
बिहार के राज्यपाल का समर्थन
वहीं, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की मानी जाती हैं और इनका इस्तेमाल गरीबों, जरूरतमंदों और जनहित के लिए होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गैर मुस्लिमों का भी वक्फ की संपत्तियों में समान अधिकार है।
वक्फ संशोधन बिल के कानून बनने के बाद इसकी भविष्यवाणी और कार्यान्वयन पर कई सवाल उठ रहे हैं। मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक दलों का विरोध इसे लेकर बढ़ रहा है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और समाज के हित में है। अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला करता है और यह कानून देशभर में कब लागू होगा।