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कड़ा फैसला लेना रखेंगे जारी, चुनाव नतीजों के लिए जवाबदेह होंगे महासचिव और प्रभारी : Mallikarjun Kharge

Mallikarjun Kharge

Mallikarjun Kharge : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के भीतर जवाबदेही की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि सभी महासचिव तथा प्रभारी अपने प्रभार वाले राज्यों में संगठन एवं चुनाव परिणामों के लिए जवाबदेह होंगे तथा आगे भी ‘‘कड़े फैसले’’ लेने का सिलिसला जारी रहेगा। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के नए मुख्यालय में पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक में नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर करने से स्पष्ट है कि सरकार को उनकी निष्पक्षता पर भी भरोसा नहीं है।
उन्होंने मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी को लेकर कहा कि इस चुनौती से निपटना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस को राष्ट्रीय राजधानी में यह प्रयास करना होगा कि पार्टी मुख्य विपक्ष के रूप में उभरे। इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी और कई अन्य महासचिव तथा प्रभारी शामिल हुए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा, कि कई बार पार्टी की मजबूती के लिए जल्दबाजी में कई लोगों को शामिल कर लिया जाता है लेकिन विचारधारा में कमजोर लोग मुश्किल समय में भाग खड़े होते हैं। ‘असल फिसल पड़े और नकल चल पड़े’ यह पुरानी कहावत है, ऐसे लोगों से हम दूर रहें। उनका कहना था, कि ‘हमें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के लिए प्रतिबद्धित ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए जो विपरीत माहौल में भी चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े हैं। मैं यहां एक सबसे जरूरी बात जवाबदेही के बारे में भी आप सभी से कहना चाहूंगा। आप सभी अपने प्रभार वाले राज्यों के संगठन और भविष्य के चुनाव परिणामों के लिए जवाबदेह होंगे।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, कि मैंने कार्य समिति की पिछली दो बैठकों में संगठनात्मक सृजन बात की थी। उस कड़ी में कई फैसले लिए जा चुके हैं। कुछ और फैसले जल्दी ही किए जाएंगे। उन्होंने मतदाता सूचितयों में कथित छेड़छाड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक नई चुनौती खड़ी हुई है और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसको लेकर सदन में सवाल उठाया था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी नेताओं से कहा, कि ‘आप सभी को महसूस होगा कि आज कल हमारे समर्थकों के नाम मतदाता सूची से काट दिए जाते हैं। या नाम हटाकर बगल के बूथ से जोड़ दिया जाता है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की तरफ से नए नाम चुनाव के ठीक पहले जोड़े जाते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था, कि ‘इस धांधली को हर हाल में रोकना होगा।’’ उन्होंने दावा किया, कि ‘उच्चतम न्यायालय के आदेश से मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन समिति में प्रधान न्यायाधीश को भी जोड़ा गया था। मोदी जी ने उन्हें भी बाहर कर दिया। सरकार को देश के प्रधान न्यायाधीश की निष्पक्षता पर भी भरोसा नहीं है।’’ मल्लिकार्जुन खड़गे के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा भी कि ऐसी चयन समिति का क्या फायदा, जहां आप नेता प्रतिपक्ष का इस्तेमाल सिर्फ प्रमाणपत्र के लिए कर रहे हैं? दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस ने मजबूती से चुनाव लड़ा, हालांकि जनता ने बदलाव के लिए वोट किया।
उन्होंने कहा, कि ‘अगले पांच साल हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम जनता के मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष और जन आंदोलन करके मुख्य विपक्ष की भूमिका में उभरने का प्रयास करें। इससे ही हम लोगों की पहली पसंद बनेंगे।’’ उन्होंने अमेरिका से ‘‘अवैध’’ भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने का उल्लेख किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के बावजूद अमेरिका पहले की ही तरह भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगा कर वापिस भेज रहा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कि ‘शाकाहारी यात्रियों को मांसाहारी खाना दिया गया। हमारी सरकार इस अपमान का ठीक तरीके से विरोध जताने में भी विफल रही। ’’ उन्होंने आरोप लगाया, कि ‘आर्थिक मामलों में भी अमेरिका हम पर गहरी चोट कर रहा है। हम पर उल्टा शुल्क लगा दिया, पर प्रधानमंत्री ने इसका विरोध तक नहीं किया। वे हम पर जबरदस्ती घाटे का सौदा थोप रहे हैं, जिसे हमारी सरकार चुपचाप मान ले रही है। ये साफ-साफ हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के लोगों का अपमान है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी को रोकने में विफल रही है।
कांग्रेस के संगठन में बदलाव के कुछ दिनों बाद महासचिवों और प्रभारियों की यह बैठक हुई। कांग्रेस ने एक के बाद एक कई विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीते शुक्रवार को अपने राष्ट्रीय संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए दो नए महासचिव और नौ प्रदेश प्रभारी नियुक्त किए थे।
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