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West Bengal में पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष को पहले दौरा करने से रोका, फिर बाद में इजाजत मिलने पर शुभेन्दु अधिकारी पहुंचे संदेशखाली

धमखाली (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस ने उन्हें राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि जाने से रोक दिया था इसके बाद वह धरने पर बैठ गए। हालांकि बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने उन्हें संदेशखाली में जाने की इजाजत दे दी। पुलिस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M)) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात को भी पुलिस ने संदेशखालि का दौरा करने से रोक दिया। पुलिस ने अधिकारी को संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से रोक दिया जहां निषेधाज्ञा लागू की गई है। पुलिस ने कहा कि सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक खंडपीठ में अपील की है। उच्च न्यायालय ने ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दी थी। अधिकारी ने कहा कि वह दोबारा इस मामले को लेकर अदालत का रुख करेंगे।

अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ”पुलिस ने मुझे संदेशखालि जाने की अनुमति देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है। पुलिस कह रही है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई है और राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का रुख किया है। मैं यहां विरोध प्रदर्शन करूंगा और फिर अदालत जाऊंगा।” नंदीग्राम से भाजपा के विधायक ने पार्टी के समर्थकों के साथ राज्य सरकार के फैसले के विरोध में धमखाली में धरना दिया।

अधिकारी को पिछले आठ दिनों तीसरी बार संकटग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने से रोका गया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारी को संदेशखालि जाने की अनुमति दे दी थी। उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता को अशांत क्षेत्र में कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने या किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं करने का भी निर्देश दिया। माकपा नेता करात ने कहा कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि संदेशखालि में उनकी मौजूदगी से वहां शांति भंग हो जाएगी। माकपा नेता को संदेशखालि जाते समय धमखाली नौका घाट पर रोक दिया गया जहां महिलाओं पर यौन अत्याचार और कुछ स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

उन्होंने धमखाली में संवाददाताओं से कहा, ‘शांति का उल्लंघन तब हुआ जब महिलाओं को स्थानीय टीएमसी कार्यालयों में बुलाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। अब यह न्याय की लड़ाई है।’ संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।

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