नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने आतंकवाद को लेकर सरकार की जोरो टॉलरेंस की नीति का जिक्र किया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “21 सदस्यों ने यहां अपने विचार प्रस्तुत किए। एक तरह से गृह मंत्रालय के अनेक कार्यों के आयामों को समेटने का प्रयास किया गया। सबसे पहले मैं उन हजारों राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ सीमाओं को मजबूत करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।” उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को खत्म करना हमारा प्रण है।
जहां आतंकी मारे जाते, वहीं दफना दिए जाते हैं: अमित शाह
उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर का उग्रवाद और आतंकवाद… तीन समस्याएं दशकों से नासूर की तरह बन गई थीं। पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी आते थे और कई त्योहार नहीं होता था जब हमले होते थे। मोदी जी के आने के बाद भी हमले हुए, उरी और पुलवामा में हमला हुआ। हमने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया। जब आतंकी मारे जाते थे तो बड़ा जुलूस निकलता था। आज आतंकी मारे जाते हैं और जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं।
#WATCH | Replying to the discussion on the working of MHA, in Rajya Sabha, HM Amit Shah says, “In a way, the Home Ministry works under very difficult situation. The Constitution has given the responsibility of Law and Order to states. Border security and internal security come… pic.twitter.com/quwprx7bMa
— ANI (@ANI) March 21, 2025
राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “एक तरह से गृह मंत्रालय बहुत कठिन परिस्थितियों में काम करता है। संविधान ने कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों को दी है। सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह एक सही निर्णय है। इसमें कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है, तो 76 साल बाद अब ऐसी स्थिति है कि कई तरह के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए हैं, वे अंतरराज्यीय भी हैं और बहुराज्यीय भी हैं – जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह, हवाला।”
उन्होंने कहा कि ये सभी अपराध सिर्फ एक राज्य के भीतर नहीं होते हैं। देश में कई अपराध देश के बाहर से भी होते हैं। इसलिए इन सबको ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना जरूरी हो जाता है। मैं यह गर्व के साथ कहता हूं कि 10 साल में पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय में लंबे समय से लंबित बदलाव एक बार में किए हैं।