नेशनल डेस्क : मलेशिया की एक भारतीय मूल की महिला की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है। राचेल कौर, जो एयरएशिया में फाइनेंस ऑपरेशन्स विभाग में असिस्टेंट मैनेजर हैं, हर दिन हवाई जहाज से अपने घर और ऑफिस के बीच यात्रा करती हैं। यह सुनकर किसी को भी हैरानी हो सकती है, लेकिन राचेल का कहना है कि यह यात्रा उनके और उनके परिवार के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।
रोजाना हवाई जहाज से सफर करने वाली मां
राचेल का कहना है कि यह सफर उन्हें अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताने का मौका देता है। वह रोज सुबह 4 बजे उठकर अपनी दिनचर्या शुरू करती हैं और 5:55 बजे की फ्लाइट से अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ती हैं। सुबह 7:45 बजे तक वह ऑफिस पहुंच जाती हैं और रात 8 बजे तक घर लौट आती हैं। इस प्रकार, राचेल का दिन पूरी तरह से संतुलित होता है, और उन्हें ऑफिस जाने का मौका भी मिलता है और परिवार के साथ समय बिताने का भी।
जहां हर तरफ लोग पैसे की वजह से परिवार से दूर हो रहे हैं, एक भारतीय मूल की महिला ने एक ऐसा काम किया है, जिससे उसके पैसे भी बच रहे हैं और वो काम और परिवार दोनों को समय दे पा रही है।
भारतीय मूल की रचेल कौर, मलेशिया में एयरएशिया की असिस्टेंट मैनेजर फाइनेंस है। पहले वह कुआलालंपुर… pic.twitter.com/Eel8zUzxUz
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) February 12, 2025
पहले और अब के खर्च में अंतर
राचेल ने बताया कि पहले वह कुआलालंपुर में किराए पर रहती थीं, और सिर्फ एक दिन अपने घर जा पाती थीं। हालांकि अब, हवाई जहाज से सफर करने पर उनका मासिक खर्च पहले के मुकाबले कम हो गया है। पहले, किराए और अन्य खर्चों में करीब 42,000 रुपये खर्च होते थे, जबकि अब वह महीने में केवल 28,000 रुपये खर्च करती हैं।
सफर के दौरान मिलती है राहत
राचेल अपनी हवाई यात्रा के दौरान फ्लाइट में संगीत सुनती हैं और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेती हैं। उनका मानना है कि ऑफिस में काम करना और टीम से मिलकर कार्य को पूरा करना रिमोट काम की तुलना में कहीं अधिक आसान है। इसलिए, वह हर दिन ऑफिस जाना पसंद करती हैं, न कि रिमोट वर्क करना।
कभी थकान महसूस होती है, लेकिन …
राचेल का कहना है कि उनका यह सफर थका देने वाला जरूर है, लेकिन जब वह अपने बच्चों के पास लौटती हैं तो सारी थकान मिट जाती है। वह इसे लंबे समय तक जारी रखना चाहती हैं क्योंकि इससे उन्हें काम और परिवार के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलती है। उनका यह मानना है कि परिवार के साथ समय बिताना उनकी सफलता का अहम हिस्सा है।
राचेल की कहानी से मिली प्रेरणा
राचेल की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि समय और मेहनत के साथ अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को संतुलित किया जा सकता है। उनकी तरह यदि हम अपनी दिनचर्या में थोड़ी सी मेहनत और योजना को शामिल करें तो हम अपने परिवार और काम दोनों को समान महत्व दे सकते हैं।