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Women Day Special: लोगों के लिए मिसाल बनी Ishnoor, दोनों हाथ नहीं फिर भी लिखावट है इतनी खूबसूरत

अमृतसर (गगन शर्मा): अगर इंसान में कुछ करने की चाहत हो तो फिर मुश्किलें कितनी भी बड़ी क्यों न हो वह रास्ता नहीं रोक सकती लेकिन अगर वही रास्ता कोई औरत चुन ले तो उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। इसका जीता-जागता उदाहरण गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में फ्रेंच भाषा की पढ़ाई कर रही ईशनूरप्रीत कौर को देख कर मिलती है। जिसके दोनों हाथ हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से कट गए, लेकिन ईशनूर ने हिम्मत नहीं हारी। हाथ कट जाने के बावजूद उसने अपने हाथों से लिखना शुरू किया और आज उसकी खूबसूरत लिखावट एक सामान्य व्यक्ति से भी बेहतर है।

ईशनूर ने पहले बारहवीं तक पढ़ाई की और अब वह फ्रेंच भाषा सीख कर उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहती है। ईशानूर की मां रीना बजाज ने भी उसके साथ हुए हादसे और संघर्ष का जिक्र करते हुए अपनी बेटी की हिम्मत की तारीफ की। आज की तारीख में महिला दिवस पर ईशनूर से बड़ी मिसाल मिलना मुश्किल है, जिसने मार खाकर भी अपने जीवन में हार नहीं मानी और उसके जज्बे को हम सलाम करते हैं।

अमृतसर (गगन शर्मा): अगर इंसान में कुछ करने की चाहत हो तो फिर मुश्किलें कितनी भी बड़ी क्यों न हो वह रास्ता नहीं रोक सकती लेकिन अगर वही रास्ता कोई औरत चुन ले तो उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। इसका जीता-जागता उदाहरण गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में फ्रेंच भाषा की पढ़ाई कर रही ईशनूरप्रीत कौर को देख कर मिलती है। जिसके दोनों हाथ हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से कट गए, लेकिन ईशनूर ने हिम्मत नहीं हारी। हाथ कट जाने के बावजूद उसने अपने हाथों से लिखना शुरू किया और आज उसकी खूबसूरत लिखावट एक सामान्य व्यक्ति से भी बेहतर है।

ईशनूर ने पहले बारहवीं तक पढ़ाई की और अब वह फ्रेंच भाषा सीख कर उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहती है। ईशानूर की मां रीना बजाज ने भी उसके साथ हुए हादसे और संघर्ष का जिक्र करते हुए अपनी बेटी की हिम्मत की तारीफ की। आज की तारीख में महिला दिवस पर ईशनूर से बड़ी मिसाल मिलना मुश्किल है, जिसने मार खाकर भी अपने जीवन में हार नहीं मानी और उसके जज्बे को हम सलाम करते हैं।

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