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पहले दिन से ही अमृतपाल की गतिविधियां संदिग्ध थी: लक्ष्मीकांता चावला

अमृतसर: पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि बीते वर्ष सितंबर में धूमकेतु की तरह अचानक ही अमृतपाल पंजाब में दिखाने देने लगा था। पहले दिन से ही उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। आज हमारी एजैंसियां उसको तलाश रही हैं, जांच कर रही हैं। सवाल यह है कि पहले क्यों नहीं एक्शन लिया गया। प्रो. चावला के अनुसार अब कुछ दिनों में ही थाईलैंड, इंगलैंड, इटली आदि कई देशों में इसके संपर्कों का पता चला गया, करंसी मिल गई, खालिस्तान फोर्स की जानकारी मिल गई, साथी भी दिखाई देने लगे। इसकी शादी के साथ भी कई प्रश्नचिन्ह जुड़ गए। क्या यह अच्छा नहीं था कि जिस दिन इसने नफरत फैलानी शुरू की उसी दिन एजेंसियां सावधान हो जाती। अब तो यह हालत है कि सांप निकल गया और लकीर पीटते कभी इंदौर पहुंच जाते हैं, कभी आसाम।

यह तो अच्छा है कि सरकार को देर से ही सही लेकिन इसके कारनामों की जानकारी मिल गई। चावला ने कहा कि सरकार को इस घटना से सबक लेकर भविष्य में देश विरोधी तत्वों के लिए सावधान रहना ही होगा। उन्होंने कहा कि याद रखना होगा कि अपराधी तो पकड़ा जा सकता है, पर जो जहर उसने फैला दिया उसे ठीक करना कठिन हो जाता है। सरकारी एजैंसियां यह भी जांच करे कि मीडिया के जिस ग्रुप ने तीन-तीन दिन तक सितंबर में ही इसका इंटरव्यू लगातार दिखाया उनकी मंशा क्या थी। कितनी रकम लेकर उन्होंने यह सब किया या किसी मजबूरी में?

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