नई दिल्ली : पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह का नई दिल्ली स्थित एम्स में 26 दिसंबर की रात निधन हुआ था। 1990-91 के दशम में आर्थिक उदारीकरण के नायक कहे जाने वाले मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं अब तक उनके स्मारक के लिए केंद्र सरकार के द्वारा अब तक जमीन आवंटित नहीं की गई है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कहा है कि जमीन आवंटित को लेकर अभी कुछ और दिन लग सकते है। इसके पीछे वजह यह है कि स्मारक के निर्माण के लिए ट्रस्ट की स्थापना जरूरी है, जो अभी तक नहीं हो पाई है। चलिए जानते है इस पूरी खबर को विस्तरा से…
स्मारक के लिए ट्रस्ट का होना जरूरी
सरकारी सूत्रों के अनुसार, स्मारक के निर्माण के लिए जरूरी है कि एक ट्रस्ट बन जाए। जमीन सरकार आवंटित कर सकती है, लेकिन उसका निर्माण ट्रस्ट द्वारा ही किया जा सकता है। फिलहाल सरकार राजघाट क्षेत्र में इस स्मारक के लिए 1.5 एकड़ जमीन की तलाश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया कुछ दिनों में पूरी हो सकती है, क्योंकि जमीन के लिए आवेदन केवल ट्रस्ट ही कर सकता है, और अभी तक ट्रस्ट का गठन नहीं हुआ है।
अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक के उदाहरण से तुलना
वहीं सरकारी अधिकारियों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। उनकी मृत्यु के बाद, अटल ट्रस्ट की स्थापना एक महीने के अंदर हुई थी और इसके बाद स्मारक के लिए जमीन आवंटित की गई थी। उसी तरह, मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए भी ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
अटल ट्रस्ट के सदस्य ने क्या कहा?
अटल ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। ट्रस्ट ने स्मारक के लिए आवेदन किया था, और सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) और ट्रस्ट के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद स्मारक के निर्माण के लिए फंड जारी किए गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक 1.5 एकड़ जमीन पर बना है, जहां 17 अगस्त 2018 को उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि उन्हें अभी तक मनमोहन सिंह के स्मारक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, सरकार जल्द ही ट्रस्ट के गठन और स्मारक के निर्माण की प्रक्रिया को पूरा करने की कोशिश कर रही है।
राजघाट क्षेत्र में पहले से मौजूद हैं कई स्मारक
राजघाट क्षेत्र में पहले से 19 स्मारक मौजूद हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और डिप्टी पीएम के स्मारक शामिल हैं। इसके अलावा, राजघाट में संजय गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की पत्नी ललिता शास्त्री के स्मारक भी बने हैं। इस समय मनमोहन सिंह के स्मारक के निर्माण की प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा, क्योंकि ट्रस्ट का गठन अभी बाकी है। सरकार ने इस दिशा में कदम उठाए हैं और जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।