नेशनल डेस्क : वैदिक पंचांग के अनुसार आज साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो 29 मार्च 2025 को दोपहर 2:21 बजे से शुरू होकर शाम 6:16 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण कुल 3 घंटे 53 मिनट तक चलेगा। हिंदू धर्म में ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है, और इसे लेकर कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं। इस बार का सूर्य ग्रहण चैत्र नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले पड़ रहा है, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। बता दें कि सूर्य ग्रहण एख खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा ढक लेता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। आइए समझते है इस खबर को विस्तार से…
सूर्य ग्रहण कब लगता है?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पूरी तरह से या आंशिक रूप से सूर्य के सामने आ जाता है। यह घटना तब हो सकती है जब:
सूर्य ग्रहण क्यों लगता है?
सूर्य ग्रहण का कारण पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य की विशेष स्थिति है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, तो उसका आकार और स्थिति ऐसे होते हैं कि वह सूर्य को ढक देता है। हालांकि, चंद्रमा का आकार सूर्य के मुकाबले छोटा होता है, लेकिन जब वह सीधे सूर्य के सामने आ जाता है, तो वह सूर्य के कुछ हिस्से या पूरे सूर्य को पूरी तरह ढक सकता है। यह घटना लगभग हर साल दो बार होती है, लेकिन इसे पूरी दुनिया में हर बार नहीं देखा जा सकता। ग्रहण का प्रभाव केवल उन जगहों पर दिखता है जो सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की सीधी रेखा में आती हैं।
सूर्य ग्रहण कैसे लगता है?
सूर्य ग्रहण के दौरान, तीन प्रमुख घटनाएँ होती हैं:
सूर्य ग्रहण के प्रकार
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
सूर्य ग्रहण को बिना सुरक्षा के देखना आँखों के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इसके कारण आँखों में स्थायी नुकसान हो सकता है। इसलिए हमेशा सुरक्षा उपायों के साथ ही सूर्य ग्रहण को देखना चाहिए, जैसे:
सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। यह एक दुर्लभ और आकर्षक घटना है, जिसे सावधानी से देखा जाना चाहिए। सूर्य ग्रहण का असर ज्योतिष के अनुसार अलग-अलग राशियों पर भी पड़ता है, लेकिन इसका वैज्ञानिक कारण केवल खगोलीय घटनाओं से जुड़ा है।